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Azam Khan: तीन साल की सजा के साथ आजम की विधायकी भी जाएगी?

सामाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी पाए गए हैं। आजम को रामपुर कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आजम खां को आईपीसी की धारा 153-ए, 505-ए और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दोषी ठहराया। इस मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उनकी विधायकी पर भी खतरा मंडराने लगा है। 

2017 के विधानसभा चुनाव से पहले आजम अखिलेश सरकार में मंत्री थे तब उनके ऊपर महज एक मामला दर्ज था। इस वक्त 80 से ज्यादा मामलों में आजम आरोपी हैं। आजम को पहली बार किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। 

पूरा मामला क्या है? 
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खां ने मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था। इस जनसभा के दौरान उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा। आरोप था कि उनके बयान से दो वर्गों में नफरत फैल सकती थी। जिसका वीडियो वायरल हुआ था।

भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान ने मिलक कोतवाली में मामला दर्ज कराया। इस मामले में आजम पर आईपीसी की धारा 153-ए, 505-ए और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ। मामले की सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) निशांत मान की कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया। कोर्ट ने आजम को इसके लिए तीन साल की सजा और छह हजार जर्माने की सजा सुनाई। 

तो क्या आजम की विधायकी भी जाएगी?
लोक-प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के मुताबिक, अगर किसी नेता को दो साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे सजा होने के दिन से उसकी अवधि पूरी होने के बाद आगे छह वर्षों तक चुनाव लड़ने पर रोक का प्रावधान है। अगर कोई विधायक या सांसद है तो सजा होने पर वह अयोग्य ठहरा दिया जाता है। उसे अपनी विधायकी या सांसदी छोड़नी पड़ती है। आजम को तीन साल की सजा हुई है। ऐसे में उनकी विधायकी जाना लगभग तय है। 

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