नो वे होम 16 दिसंबर को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। भारत में ये फिल्म 3264 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है। इसके साथ ही ये सबसे अधिक स्क्रीन्स पर रिलीज होने वाली हॉलीवुड फिल्म बन गई है।
दर्शकों ने फिल्म का पहला शो देख लिया है और सोशल मीडिया पर रिव्यू देना शुरू कर दिया है। अगर सोशल मीडिया पर मिल रहे रिव्यूज की मानें तो ये फिल्म मार्वल की अब तक की बेस्ट फिल्म है।
स्पइडर-मैन की पिछली फिल्म ‘फार फ्रॉम होम’ में जहां से पीटर पार्क की जिंदगी बदली थी, ‘नो वे होम’ वहीं से आगे बढ़ती है और समझाती है कि पीटर पार्कर के सच का दुनिया से छुपे रहना क्यों जरूरी है। यह न सिर्फ उसके लिए, बल्कि उसके दोस्तों और हर उस इंसान के लिए महत्वपूर्ण है, जिनसे पीटर प्यार करता है।
पीटर को मदद चाहिए, वह डॉक्टर स्ट्रेंज के पास पहुंचना है। चाहता है कि कुछ ऐसा हो कि सब पहले की तरह हो जाए। जादूगर डॉक्टर स्ट्रेंज अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर दुनिया को स्पाइडर-मैन की पहचान भूलने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन पीटर के लिए यह सौदा भारी पड़ता है।
वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब मार्वल के मल्टीवर्स में हमने स्पाइडर-मैन को देखा है। इससे पहले ‘इन टू द स्पाइडर-वर्स’ (2018) में हमने कई चौंकाने वाली चीजें देखीं। लेकिन दिलचस्प है कि इस बार यह उन सब से बड़ा है। MCU यानी मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स में यह स्पाइडर-मैन की तीसरी फिल्म है जो ऐक्शन तो दिखाती ही है, लेकिन उससे दूर जाकर दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने की भी कोशिश करती है।
डायरेक्टर जॉन वाट्स ने इसे पर्दे पर अचानक नहीं किया है। फिल्म के बड़े कैनवस पर वह समय-समय पर हालात के अनुसार बिल्कुल माप-तौल कर ऐसा करते हैं। इस कारण फिल्म की लंबाई भी बढ़ जाती है। लेकिन डायरेक्टर जॉन वाट्स को इससे तकलीफ नहीं है। हालांकि, कुछ ऐसे सीन जरूर हैं, जो दर्शकों को जोड़ने में नाकामयाब होते हैं, लेकिन अधिकतर सीन्स में वह ऑडियंस संग इमोशनल कनेक्ट बनाने में सफल रहे हैं।