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निजी भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश, भूमि मालिक को झूठे प्रकरण में फंसाने की दी धमकी

निजी भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश, भूमि मालिक को झूठे प्रकरण में फंसाने की दी धमकी

मामला राम नगर कॉलोनी का, सरकारी भूमि के पट्टे लिए निजी भूमि पर कब्जा बनाने की कोशिश

आशीष यादव/धार – नगरपालिका को हस्तांतरित शहर की राम नगर कॉलोनी में निजी भूमि पर कुछ लोगों द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है। कब्जे का विरोध करने पर भूमि स्वामी को झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी दी जा रही है। 4 लोगों द्वारा करीब 20 हजार स्क्वेयर फीट भूमि को हथियाने के लिए मरने-मारने से पीछे नहीं हटने की धमकी भी दी जा रही है। चुकि कब्जाधारी आदिवासी समुदाय से जुड़े लोग है।

इसके कारण सीधे विवादों में उलझने की बजाय भूमि स्वामी द्वारा कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को शिकायत की गई है। जिसमें हस्तक्षेप करके भूमि पर किए गए बैजा कब्जे को हटाने के लिए मदद की गुहार आवेदन के माध्यम से लगाई गई है। आवेदन एसडीएम कार्यालय को मार्क किया गया है। शिकायत मंगलवार को श्रीमती ऊषा विजय बांगर व राजेश राठौर की और से प्रतिनिधि डेवल्पर विकास राठौर द्वारा की गई है।

ईडब्ल्यूएस आवास के लिए है जमीन

शिकायतकर्ता विकास राठौर ने आवेदन में बताया है कि ग्राम इस्लामपुरा नगरपालिका क्षेत्र वार्ड क्रमांक13 में विक्रेता छोटू पिता त्रिलोकचंद से भूमि सर्वे क्रमांक 58 का 1.265 हैक्टेयर में से 0.635 हैक्टेयर श्रीमती ऊषा बांगर व 0.630 हैक्टेयर भूमि राजेश राठौर द्वारा सौदा कर क्रय की गई थी। जिस पर राम नगर कॉलोनी बसाई गई थी। इसमें 15 प्रतिशत अविकसित भूमि कमजोर आय वर्ग के लिए सुरक्षित रखी गई थी। उक्त भूमि पर कमजोर आय वर्ग के लिए मकान निर्माण किए जाने थे।

इस भूमि पर विज्ञानेश्वर पिता महिपालसिंह पटेलिया व एक ही परिवार के तीन भाई जगदीश, राजू, दिनेश पिता स्वर्गीय रामसिंह पटेल, सुमित्रा बाई व यशोदाबाई द्वारा अवैध रूप से निर्माण करके कब्जा किया जा रहा है। इनसे भूमि पर कब्जा ना करने को लेकर समझाईश दी गई तो धमका रहे है।

निजी भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश, भूमि मालिक को झूठे प्रकरण में फंसाने की दी धमकी

सर्वे 77 के पट्टे दिखाते है

आवेदक ने बताया कि अवैध कब्जाधारियों ने भूमि सर्वे क्रमांक 77 पर निवास हेतुु शासन से पट्टे प्राप्त किए है। यह भूमि कॉलोेनी भूमि से काफी दूर और दूसरे सर्वे क्रमांक पर है। शहर के मध्य बसी कॉलोनी में रिक्त भूमि देखकर आरोपितों ने यहां पर कब्जा जमाया है। अधिकारियों को सर्वे क्रमांक 77 के पट्टे दिखाकर गुमराह किया जाता है। भूमि निजी होने संबंधि एवं शासन द्वारा कमजोर वर्ग के आवास के लिए आरक्षित होने संबंधी संपूर्ण दस्तावेज वास्तविक भूमि मालिक के पास मौजूद है।

कानून में विश्वास, लड़ नहीं सकते

मंगलवार को आवेदन सौंपने के साथ आवेदक श्री राठौर ने एसडीएम रोशनी पाटीदार को विषय को लेकर जानकारी दी। उन्हें बताया कि छोटे से विवादों में लोग आजकल जातिगत तूल दे देते है। हम किसी भी विवाद में पड़ना नहीं चाहते है। भूमि निजी होने संबंधी दस्तावेजों की जांच कर ली जाए और अवैध रूप से किए गए कब्जे को हटवाया जाए। भूमि को लेकर कब्जा करने वाले लोग महिलाओं को आगे करके झूठी रिपार्ट दर्ज कराने और एट्रोसिटी लगवाने की धमकी दे रहे है।

संरचना बदल दी

एसडीएम को बताया गया है कि निजी भूमि पर बनाए गए मकानों के लिए निर्माण अनुमति नहीं ली गई है। कुछ वर्षों से निजी भूमि पर कब्जे की नियत अवैध मकान बनाए है। इनके पास कोई रजिस्ट्री नहीं है। ना ही शासन को कोई शुल्क चुकाया जा रहा है। संपत्तिकर तक नहीं दिया जाता है। कॉलोनी के नाले की संरचना बदल दी है। भूमि के मध्य से गुजरते नाले के दूसरी और की भूमि को अपने कब्जे में करने के लिए नाला पूरी भूमि के आगे से बना दिया है। शेष भूमि पर पत्थर जमाकर दीवार बनाने की कोशिश की जा रही है।

प्रवेश के मार्ग पर भी कब्जा

आवेदनकर्ता ने बताया कि कॉलोनी में प्रवेश के लिए दो मार्ग प्रस्तावित है। इसमें एक मार्ग बनकर तैयार है और कॉलोनी के लोगों के उपयोग में आ रहा है। रिक्त भूमि जिस पर कब्जा किया जा रहा है उस पर सड़क प्रस्तावित है। इस सड़क मार्ग पर भी मकान बनाकर कब्जा करने की कोशिश जारी है। भविष्य में आपातकालीन स्थितियों में एक माग बाधित होता है तो दूसरा मार्ग आने-जाने के लिए नहीं रहेगा। इस सड़क मार्ग के कब्जे को भी छुड़वाया जाए।

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