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खगोलविदों ने ग्रहण को लेकर कन्फ्यूजन किया दूर, भारत में भी दिखाई देगा

खगोलविदों ने ग्रहण को लेकर कन्फ्यूजन किया दूर, भारत में भी दिखाई देगा

मप्र के किन शहरों में दिखेगा चंद्र ग्रहण ?

मिलिंद बायवार/इंदौर- खगोलविदों ने साल 2023 के आज यानी 5 मई को होने वाले पहले चंद्र ग्रहण (उपछाया चंद्र ग्रहण) को लेकर कन्फ्यूजन दूर कर दिया है। अभी तक यह कहा जाता रहा कि भारत और मध्यप्रदेश में यह उपछाया चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। कहा गया कि इसे यूरोप के बड़े हिस्से, अफ्रीका, आॅस्ट्रेलिया, एशिया के कुछ हिस्सों के अलावा हिंद, प्रशांत, और अटलांटिक महासागर के इलाकों में ही देखा जा सकेगा।

अब खगोलविदों ने खुलासा किया है कि उपछाया चंद्र ग्रहण भारत के कई शहरों में भी दिखाई देगा। खगोलविदों के मुताबिक शुक्रवार रात मौसम यदि साफ रहा तो चंद्र ग्रहण धर्म नगरी उज्जैन के अलावा मप्र के और भी शहरों में देखा जा सकता है। हो सकता है कि इसे इंदौर में भी देखा जाए। शर्त सिर्फ इतनी है कि मौसम साफ रहना चाहिए। साथ ही इस ग्रहण को देखकर महसूस करने की जरूतर है।

यानी ग्रहण से पहले के चांद की चमक और ग्रहण लगने के बाद के चांद की चमक के अंतर को महसूस करने की जरूरत होगी। खगोलविदों के मुताबकि उपछाया चंद्र ग्रहण देश की राजधानी दिल्ली, आर्थिक राजधानी मुंबई, पुणे, वाराणसी, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, मथुरा, सूरत, कानपुर, विशाखापत्तनम, पटना, ऊटी, चंडीगढ़, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा के अलावा देश व मध्यप्रदेश के अन्य कई शहरों में भी महसूस किया जा सकेगा।

ज्योतिष शास्त्र बनाम विज्ञान:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उपछाया चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सुतक काल मान्य नहीं होगा। वहीं विज्ञान के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण आसानी से देखा जा सकता है, लेकिन उपछाया चंद्र ग्रहण को देखना थोड़ा मुश्किल होता है। इसका मतलब यह नहीं कि भारत में उपछाया चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसे देखा जा सकता है, लेकिन इसके लिए दूरबीन आदि की मदद लेनी होगी। दरअसल उपछाया चंद्र ग्रहण में चांद की चमक कम हो जाती है। इसे महसूस किया जा सकता है।

आज यानी 5 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण का समय:
-शुरुआत: रात 8.44 बजे
-समापन: रात 1.11 बजे

समझें उपछाया चंद्र ग्रहण को

हमारी धरती की गहरी छाया से लगा हुआ वह हिस्सा जहां छाया गहरी नहीं होती, बल्कि हलकी होता है। यानी वहां धुंधली रोशनी होती है। इस इलाके को पेनम्ब्रा कहा जाता है। यह ऐसा इलाका होता है जहां ऐसा लगता है कि हमारी धरती ने सूर्य की डिस्क के हिस्से को ढंका हुआ है, लेकिन पूरा नहीं। जब चांद इस इलाके से गुजरता है तो इसे सूर्य की रोशनी कम मिलती है। यानी चांद की चमक कम हो जाती है। इसे ही उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं।

समझें तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण को

  1. पूर्ण चंद्र ग्रहण: पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब चांद का पूरी हिस्सा हमारी धरती की घनी छाया में आ जाता है।
  2. आंशिक चंद्र ग्रहण: आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब चांद का कुछ हिस्सा ही हमारी धरती की घनी छाया में आता है और कुछ हिस्सा धरती की उपछाया में होता है।
  3. उपछाया चंद्र ग्रहण: उपछाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब चांद का पूरा हिस्ता हमारी धरती की उपछाया में होता है।

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कब ?
अब बात करते हैं साल 2023 के दूसरे चंद्र ग्रहण की। आपकों बता दें कि 29 अक्टूबर यानी रविवार की रात 1 बजकर 6 मिनट पर भी चंद्र ग्रहण लगेगा और यह
रात 2. 22 बजे खत्म होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।

चांद की चमक हो जाएगी कम
उपछाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा की चमक कुछ कम हो जाती है। आमतौर पर लोग इसे महसूस नहीं कर पाते। यानी इसका मतलब यह नहीं है कि ग्रहण होगा ही नहीं। ज्योतिष और विज्ञान की तुलना नहीं की जानी चाहिए।
-सारिका घारू, विज्ञान प्रसारक,  मप्र

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