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सेक्सटॉर्शन गैंग बनाकर रुपए ऐंठने वाले गिरफ्तार

इंदौर। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आए कुछ युवक-युवतियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी इसलिए की गई क्योंकि पढ़ाई छोड़ ये लोग दूसरे काम में लग गए। सेक्सटॉर्शन की गैंग बनाई और लोगों को ब्लैकमेल कर रुपये ऐंठने लगे। पांच युवक- युवतियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

इंदौर क्राइम ब्रांच के अनुसार मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली थी कि कुछ व्यक्ति न्यूड वीडियो कॉलिंग व न्यूड फोटो भेजने के लिए फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल चला रहे हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए हिमांशु तिवारी पिता रमाकांत तिवारी निवासी इंदौर, प्रियंका विश्वकर्मा पिता पुष्पेश निवासी इंदौर, अमर निराला पिता रमेश निवासी इंदौर, रोहन निराला पिता रमेश निवासी रीवा, सीताराम द्विवेदी पिता विश्वनाथ प्रसाद निवासी इंदौर को पकड़ा।

पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि महिला के नाम से आकर्षक फेक इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाकर लोगों को मैसेज करते थे एवं फर्जी आईडी को देखकर आकर्षित हुए व्यक्ति आरोपियों से संपर्क करते थे। उसके बाद उन्हें न्यूड वीडियो कॉलिंग, न्यूड फोटो आदि अनैतिक सुविधा प्रदान करने के नाम से साथी महिला आरोपी के द्वारा फर्जी वॉइस नोट भेज कर विश्वास में लिया जाता था। आरोपियों द्वारा संबंधित संपर्क में आए पीड़ित व्यक्ति को पैसे आॅनलाइन अपने पेटीम अकाउंट में डलवाकर संबंधित व्यक्ति की इंस्टाग्राम आईडी को ब्लॉक कर ठगी की जाती थी। आरोपियों ने कई फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाकर न्यूड वीडियो कॉलिंग जैसे आॅफर्स के नाम पर अभी तक 30 से 35 लोगों के साथ आॅनलाइन धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है। इसकी जांच की जा रही है। आरोपियों के कब्जे से वारदात को अंजाम देने वाले 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। सभी के खिलाफ हीरानगर थाने में अपराध पंजीबद्ध किया है।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आए थे

मामले में जानकारी मिली है कि ये सभी लड़के-लड़कियां इंदौर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आए थे, लेकिन बाद में सेक्सटॉर्शन गैंग बना ली। ये लोग पहले लोगों को वीडियो कॉल करते। वीडियो में एक लड़की सामने आती और कॉल रिसीव करने वाले से अश्लील हरकत कर कपड़े उतारने के लिए उकसाने लगती। इसके बाद उसका वीडियो बना लेते। वीडियो बनाने के बाद सेक्सटॉर्शन और ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू होता। पहले नकली पुलिस अफसर बनकर धमकाया जाता और फिर रुपये मांगे जाते। बदनामी और डर के कारण लोग रुपये दे देते थे।

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