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यूपी और महाराष्ट्र की तर्ज पर एमपी में भी बनेगा गैंगस्टर विरोधी एक्ट

इंदौर। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश में जल्द ही गैंगस्टर विरोधी एक्ट को लागू करने के संकेत दिए हैं। डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार शाम इंदौर पहुंचने के बाद मीडिया से मप्र गैंगस्टर विरोधी विधेयक को लेकर खुलकर बात रखी। इससे पहले उन्होंने भोपाल में भी इस विधेयक को लेकर काफी बातें साझा कीं।

संगठित अपराधों पर लगेगी लगाम

प्रदेश में ऑगेर्नाइज क्राइम पर कंट्रोल करने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार जल्द ही उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र की तर्ज पर गैंगस्टर विरोधी कानून लेकर आने वाली है। इसको लेकर गृह और विधि विभाग ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रदेश में संगठित गिरोह को खत्म करने का काम सरकार ने किया है। प्रदेश में कोई भी संगठित गिरोह नहीं है, लेकिन फिर भी पुलिस की नजर ऐसे गिरोह पर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कानून की जरूरत अपराधियों पर नकेल कसने के लिए है। इसलिए सरकार उस दिशा में लगातार काम भी कर रही है। मध्यप्रदेश शांति का टापू है और किसी भी अपराधी को यहां पनपने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध शराब को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सजा में फांसी का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे में सभी पहलुओं पर सरकार लगातार काम कर रही है।

2 से 10 साल तक की सजा

-गृहमंत्री के मुताबिक गैंगस्टर विरोधी एक्ट में 2 से 10 साल तक की सजा व 25 हजार रु. जर्माने का प्र‌ावधान होगा।
-अगर अपराधी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी पर हमला करता है। उसमें 2 उसमें 2 साल की सजा को 5 साल और 5 साल की सजा को बढ़ाकर 10 साल कर 30 हजार रु. जुर्माना किया जाएगा।

ऐसा हो सकता है कानून

-गैंगस्टर विरोधी एक्ट को उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में लागू किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में बनने वाला गैंगस्टर एक्ट यूपी के गुंडा नियंत्रण अधिनियम 2021 की तरह हो सकता है।
-मप्र के गैंगस्टर विरोधी एक्ट में महाराष्ट्र के महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑगेर्नाइज्ड क्राइम एक्ट के भी कुछ प्रावधान शामिल किए जा सकते हैं।

  • इस एक्ट के बनने के बाद प्रदेश में अवैध, मानव तस्करी, नकली दवा, मनी लॉन्ड्रिंग,मिलावटी शराब,गोहत्या, बंधुआ मजदूरी,जाली नोट, अवैध हथियारों का निर्माण-व्यापार और अवैध खनन जैसे संगठित अपराधों पर सख्त जा का प्रावधान होगा।
  • – उम्मीद है कि मप्र सरकार नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसका मसौदा विधानसभा में पेश करे।

स्पेशल कोर्ट का गठन होगा

गृह मंत्री ने कहा कि गैंगस्टरों के काले कारनामे बेनकाब कर उनकी बेहिसाब संपत्तियां भी राजसात होंगी। इस एक्ट में दर्ज केसों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन होगा जिसमें ट्रायल चलेंगे। खास बात यह कि इसमें गैंगस्टर की अनुपस्थिति में भी ट्रायल चलेगी और बयान, साक्ष्य आदि एक्चुअल व वर्चुअल, जैसे भी स्थितियां जारी रहेगी। एक्ट में साक्षियों का विशेष ध्यान रखा गया है। इनके बयान जज के समक्ष बंद कमरे में होंगे व पूरी सुरक्षा दी जाएगी।

पुलिस को ज्यादा अधिकार मिलेंगे

एक्ट में पुलिस को ज्यादा अधिकार मिलेंगे। पूछताछ के लिए रिमांड अवधि 50 दिन तक हो सकती है। अभी रिमांड 14 दिन की मिलती है। जमानत का प्रावधान भी आसान नहीं होगा। इस अधिनियम के दायरे में एक से अधिक व्यक्ति वाले सभी गंभीर अपराधों को शामिल किया जाएगा।

नंवबर-दिसंबर तक करना होगा इंतजार

विधानसभा के शीतकालीन सत्र नंवबर-दिसंबर में ये मसौदा पेश किया जा सकता है। विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद अनुमति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। सरकार 9 से 12 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान आबकारी अधिनियम संशोधन विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है। इसमें मिलावटी शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आरोपी को मौत की सजा का प्रावधान है।

कानून का डर जरूरी

गृहमंत्री ने कहा कि अपराधियों में कानून का डर होना जरुरी है। प्र‍ावधान किया जा रहा है कि आरोपियों की अनुपस्थिति में भी एक्ट के तहत विशेष न्यायालय में सुनवाई चलती रहेगी। गैंगस्टर के खिलाफ खड़े होने वाले लोगों की गवाही बंद कमरे में होगी उन्हें सुरक्षा व संरक्षण दिया जाए। दो दिन पहले बाढ़ में घिरने के बाद रेस्क्यू किए जाने की घटना पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान परिस्थितियां ऐसी बन गई थी कि मुझे पहले जनता का सोचना था। इसके लिए खतरों का खिलाड़ी बनना पड़ा।

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