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कोविड-19 के खिलाफ एक और हथियार, देश का पहला नेजल स्प्रे लॉन्च

नई दिल्ली। कोरोना को ठीक करने वाला देश का पहला नेजल स्प्रे बनकर तैयार है। बुधवार को ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स और उसकी साझेदार कनाडाई बायोटेक कंपनी ने इस स्प्रे को बाजार में उतारा है। यह स्प्रे कोरोना संक्रमित वयस्कों के इलाज के लिए कारगर होगा। यह स्प्रे उन वयस्कों के लिए है जिनके संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा अधिक है। इससे पहले भारत के महा औषधि नियंत्रक (डीसीजीआई) से इसकी मंजूरी मिल चुकी है।

फैबीस्प्रे नाम के स्प्रे को नाक के भीतर ही कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए बनाया गया है, ताकि वह फेफड़ों तक नहीं पहुंच सके। ग्लेनमार्क को देश के दवा नियामक, भारत के औषधि महानियंत्रक से त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया के तहत विनिर्माण और विपणन का अनुमोदन प्राप्त हो गया है। कंपनी के मुताबिक फेबीस्प्रे कोरोना के हाई रिस्क वाले पेशेंट में 2 मिनट के भीतर अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और एप्सिलॉन वेरिएंट के साथ सार्स-कोव-2 वायरस को 99.9 फीसदी मारने में कारगर है।

नाक में ही वायरस को खत्म कर देगा

कंपनी का मानना है कि यह नेजल स्प्रे नाइट्रिक आॅक्साइड पर आधारित है जो नाक की ऊपरी सतह पर कोरोना वायरस को प्रभावी ढंग से खत्म करने के लिए काम करता है। जब नाक के म्यूकोसा पर छिड़काव किया जाता है तो नाइट्रिक आॅक्साइड वायरस को फेफडे तक जाने से रोकता है। कंपनी ने इसे कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्रभावी और सुरक्षित एंटीवायरल उपचार बताया है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी रॉबर्ट क्रॉकार्ट ने कहा कि हमें विश्वास है कि यह रोगियों को एक बहुत आवश्यक और समय पर चिकित्सा विकल्प प्रदान करेगा।

ऐसे हुआ परीक्षण:

-कंपनी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नेजल स्प्रे ने भारत में तीसरे चरण के परीक्षण के प्रमुख समापन बिंदुओं को पूरा कर लिया है।
-परीक्षण के दौरान स्प्रे के माइक्रोबियल गुणों की पहचान की गई जिससे यह साबित हुआ कि जब इस स्प्रे को नाक के म्यूकस पर छिड़का जाता है तो यह वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकता है।
-नेजल स्प्रे ने 24 घंटों में वायरल लोड को 94 प्रतिशत और 48 घंटों में 99 प्रतिशत के कम करने में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।
-परीक्षण के दौरान नाइट्रिक आॅक्साइड नेजल स्प्रे कोविड रोगियों में सुरक्षित और अच्छी तरह से सहन किया गया।

इस तरह करता है काम:
-जब नाक के म्यूकोसा पर नेजल स्प्रे का छिड़काव किया जाता है तो यह वायरस के खिलाफ एक भौतिक और रासायनिक बाधा के रूप में कार्य करता है और वायरस को इनक्यूबेट करने और फेफड़ों में फैलने से रोकता है।

  • नेजल स्प्रे को इस तरह डिजायन किया गया है कि वह ऊपरी वायुमार्ग में वायरस को मार सके। इसने सार्स-कोव-2 पर प्रत्यक्ष विषाणुनाशक प्रभाव के साथ एंटी-माइक्रोबियल गुणों को सिद्ध किया है।

यूरोपीय संघ से सीई चिन्ह प्राप्त
कंपनी ने स्प्रे के ट्रायल के डेटा को अभी तक पियर रिव्यू जरनल में प्रकाशित किया है, लेकिन इस प्रोडक्ट को यूरोपीय संघ से सीई चिन्ह प्राप्त हुआ है, जिसका मतलब है कि यह उत्पाद यूरोपीय संघ के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरणीय आवश्यकताओं को पूरा करता है और उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित है।

इन देशों में भी किया जा रहा सप्लाय
फेबीस्प्रे को भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, हॉन्ग कॉन्ग, ताइवान, नेपाल, ब्रूनेई, कम्बोडिया, लाओस, म्यांमार, श्रीलंका, वियतनाम में भी सप्लाय किया जा रहा है।

वायरल लोड को कम करता है
नाइट्रिक आॅक्साइड नेजल स्प्रे वायरल लोड को कम करता है और आरटी-पीसीआर निगेटिविटी को तेज करता है। जब कोरोना संक्रमण में इसे जल्दी उपयोग किया जाता है जिससे रिकवरी होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एनओएनएस के साथ वायरल लोड में कमी संचरण की सीरीज को कम करने की क्षमता रखती है।
-डॉ श्रीकांत कृष्णमूर्ति, अध्ययन के प्रमुख

भारत की लड़ाई में उसके साथ
हमें खुशी है कि हम एक कंपनी के रुप में कोविड महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में उसके साथ हैं। हमें विश्वास है कि यह स्प्रे रोगियों को समय पर और जल्द आराम देने में कारगर रहेगा।
-राबर्ट क्रोकार्ट, सीईओ, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स

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