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सीएम शिवराज का ऐलान- हर गांव-वार्ड में बनेगी लाडली बहना सेना

सीएम शिवराज का ऐलान- हर गांव-वार्ड में बनेगी लाडली बहना सेना

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अन्याय को समाप्त करने के लिए राज्य के हर वार्ड और गांव में विशेष दस्ते बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिला सदस्यों वाले इन दस्तों को लाडली बहना सेना कहा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के अलावा कि लाडली बहना योजना का लाभ महिलाओं तक पहुंचे, महिलाओं की यह सेना घरेलू हिंसा के मामलों से भी निपटेगी और असामाजिक तत्वों को ठीक करेगी। यह प्रयास आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा के मुद्दों पर महिलाओं को एकजुट करेगा।

आज से लाडली बहना योजना के लिए आवेदन
राज्य में पांच मार्च को लाडली बहना योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपए प्रति माह की सहायता कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य राज्य में एक करोड़ महिलाओं तक पहुंच बनाना है। दरअसल, हाल में विधानसभा में पेश किए गए राज्य के बजट में इस योजना के लिए 8,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 25 मार्च से लाडली बहना योजना के लिए आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जून से महिलाओं को इस योजना के अंतर्गत राशि दी जाएगी।

नशे के खिलाफ लगातार जारी रहेगा अभियान
सीएम न यह ऐलान भी किया है कि मध्यप्रदेश में एक अप्रैल से शराब के अहाते बंद होने जा रहे हैं। इसके बाद यदि कोई व्यक्ति सड़क या सार्वजनिक स्थान पर मदिरापान करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि नशे के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा। मध्यप्रदेश में 31 मार्च तक शराब के अहाते चालू रहेंगे। एमपी के इतिहास में पहली बार एक अप्रैल से शराब के अहाते बंद होने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में तीन हजार से अधिक शराब के आते हैं, जो अब हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे।

नियम सभी के लिए बराबर
मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा है कि जो नियम बनाए गए हैं, उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा और नियम सभी के लिए बराबर रहेंगे। सरकार आगे भी शराब और नशा मुक्ति के लिए लगातार अभियान चलाती रहेगी। नशे के खिलाफ सरकार का कदम लोगों को शराब से दूर करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। आम तौर पर शराब गरीबों की रसोई का बजट भी बिगाड़ देती है। गरीब लोग दिनभर की मेहनत की कमाई को शराब की दुकान पर उड़ा देते हैं। अहाते बंद करना मध्य प्रदेश में शराबबंदी की ओर बड़ा कदम भी बताया जा रहा है।

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