Amitabh Bachchan: कोरोना से कराहते देश के लिए हर कोई अपनी सामर्थ्य के मुताबिक मदद कर रहा है। ऐसे में महानायक Amitabh Bachchan ने करोड़ों रुपए का दान किया है, लेकिन ये दान उनके लिए मुसीबत बनता जा रहा है। कुछ लोग उनके ऊपर 1984 के सिखों के कत्ल-ए-आम को लेकर आरोप लगा रहे हैं।
2011 में लिखा खत हुआ वायरल
बॉलीवुड के महानायक अAmitabh Bachchan का दस साल पहले लिखा गया एक खत इन दिनों वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया था। करोड़ों रुपए के दान और इस खत को लेकर सिख राजनीति में बवाल मचा हुआ है। यह दावा किया जा रहा है कि अमिताभ बच्चन ने यह खत साल 2011 में अकाल तख्त के जत्थेदार को मुंबई के रहने वाले और तत्कालीन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य गुरिंदर सिंह बाबा केजरिए भेजा था। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस तथाकथित पत्र में अमिताभ ने खुद पर लगे सिख कत्ल-ए-आम के लिए भीड़ को उकसाने वाले आरोप पर स्पष्टीकरण दिया था।
2011 में पंजाब सरकार ने दिया था आमंत्रण
दरअसल, पंजाब सरकार ने साल 2011 में खालसा पंथ के जन्मस्थान श्री आनंदपुर साहिब में ऐतिहासिक खालसा विरासत कॉम्पलेक्स का उद्घाटन समारोह आयोजित किया था। अमिताभ बच्चन को भी इसका निमंत्रण भेजा था। उन्होंने इस निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद इसलिए अस्वीकार कर दिया था कि वह इसमें हिस्सा लेकर किसी शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहते थे और आयोजन के समाप्त हो जाने के बाद उन्होंने अपने ऊपर लगाए आरोपों का खंडन भी किया था।
12 करोड़ रुपए किए हैं दान
अमिताभ बच्चन ने खत में लिखा था कि नेहरू-गांधी परिवार के साथ उनके अच्छे ताल्लुकात रहे हैं। हर सुख-दुख में वह एक-दूसरे के घर पर आते- जाते थे। 1984 में सिख विरोधी दंगों की घटना देश के इतिहास में हमेशा एक धुंधला और एक काला अध्याय है। वह सिखों की भावनाओं को कभी आहत नहीं कर सकते, क्योंकि उनका परिवार उन्हें सिखी के बारे में ही बताता रहा है। वह सिख कौम को ठेस पहुंचाने के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते। 1984 में हिंसा भड़काने संबंधी आरोप गलत हैं। गौरतलब है अमिताभ बच्चन ने दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को 12 करोड़ रुपए दान में दिए हैं।