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अमेरिकी मैगजीन का दावा, भारतीय पत्रकार दानिश को जिंदा पकड़कर तालिबान ने उतारा था मौत के घाट

Journalist Danish: भारत के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की अफगानिस्तान में मौत के मामले में एक अमेरिकी मैगजीन ने सनसनीखेज दावा किया है। उसका कहना है कि दानिश की मौत क्रॉस फायरिंग में नहीं हुई, बल्कि तालिबान के आतंकियों ने उनकी हत्या की थी।

माइकल रुबिन की सनसनीखेज रिपोर्ट

वॉशिंगटन एग्जामिनर नाम की मैगजीन में पब्लिश एक रिपोर्ट में दानिश की तालिबानी आतंकियों के द्वारा हत्या करने का दावा किया गया है। मैगजीन में दावा किया गया है कि दानिश को तालिबान ने जिंदा पकड़ लिया था। आतंकियों ने पहले दानिश की पहचान की और फिर उसके बाद उनको और उनके साथ मौजूद लोगों को मार डाला। मैगजीन के पत्रकार माइकल रुबिन के मुताबिक दानिश की प्रकाशित की गई फोटो में उनका चेहरा पहचाना जा सकता है। माइकल रुबिन ने भारत सरकार के एक सूत्र से मिले एक अन्य फोटो और वीडियो को भी देखा, जिससे पता चलता है कि तालिबानी आतंकियों ने दानिश के सिर पर कई वार किए और फिर उनका शरीर गोलियों से छलनी कर दिया।

बंधक बनाकर हत्या का दावा

इससे पहले इस बात की पुष्टि हुई थी कि पुलित्जर अवॉर्ड विजेता दानिश की 16 जुलाई को तालिबान और अफगान सेना की क्रॉस फायरिंग में मारे गए। दानिश रॉयटर्स की ओर से अफगान गृहयुद्ध को कवर कर रहे थे। दानिश पाकिस्तान से सटे इलाके में अफगान बलों के साथ युद्धग्रस्त इलाकों का कवरेज कर रहे थे, तभी तालिबान के द्वारा घात लगाकर किए गए एक हमले में उनकी मौतम हो गई थी। इस हमले के बाद दानिश को छर्रे लगे थे और वह अपनी टीम के साथ एक स्थानीय मस्जिद में चले गए थे।

शव के साथ की थी बदसलूकी

तालिबानी आतंकी वहां पर पहुंच गए थे और उन्होंने दानिश की मौजूदगी की वजह से ही मस्जिद पर हमला किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि दानिश अफगानिस्तान में काफी जोखिम भरा काम कर रहे थे। अफगान सेना ने उनको स्पिन बोल्डक के पास लड़ाई को कवर करने की इजाजत दी थी क्योंकि अफगान सुरक्षाबलों को यहां पर अपनी जीत का भरोसा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि तालिबान ने हत्या के बाद दानिश के शव के साथ बुरा बर्ताव किया था।

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