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पाक सीमा के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपात लैंडिंग के लिए बनाई गई है हवाई पट्टी

जयपुर। राजस्थान में पाकिस्तान से लगती सीमा से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 225 पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हरक्यूलिस विमान से उतरकर इतिहास रच दिया। दोनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ इंडियन एयर फोर्स के चीफ आरकेएस भदौरिया भी शामिल थे। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणने किया है।

इसके तहत बाकासर गांव के समीप 39.95 करोड़ रुपए की लागत से एयर स्ट्राइक बनाई गई है। केंद्रीय मंत्रियों ने दिल्ली से उड़ान भरी थी तथा जालोर जिले में अडगांव में बनी आपात हाईवे पट्टी पर उतरे। आपात लैंडिंग की सुविधा के लिए यह हवाई पट्टी बनाई गई है। इस पर गुरुवार को सुखोई और जगुआर विमानों ने टच डाउन किया। एक सुखोई विमान को हवाई पट्टी पर पार्क भी किया गया। आसमान पर हरक्युलिस, जगुआर एवं सुखोई विमान की गड़गड़ाहट के बीच रक्षामंत्री ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर की। यह पहला मौका था, जब देश में हरक्यूलिस, सुखोई जैसे विमान हाईवे पर गरजे। इमरजेंसी लैंडिंग के लिए बनी हवाई पट्टी को रणनीतिक लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पाकिस्तान से चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित इससे आपातकाल में सैन्य आॅपरेशन चलाने में सुविधा मिल सकेगी।

19 महीनों में तैयार हुआ यह प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरूआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया। बुधवार को वायुसेना ने इस हवाई पट्टी पर अपनी पहली रिहर्सल की थी। इस दौरान तीन फाइटर विमान उतारे। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। देश में यह पहली बार हुआ है जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। इस दौरान एसयू-30 एमकेआई, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट हुआ।

युद्ध और इमरजेंसी में बेहद उपयोगी

इस हाईवे को भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। वायुसेना की इमरजेंसी लैंडिग के लिए तैयार किया गया है। यह युद्ध और इमरजेंसी में बेहद उपयोगी साबित होगा। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह हवाई पट्टी तीन किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। रक्षा और परिवहन मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं, जहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके। इससे पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशक में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय वायुसेना की समग्र ताकत को बढ़ाने के लिए विषम क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

15 दिन में बना सकते हैं हवाई पट्टी

हम देश कई और जगहों पर इस तरह की हवाई पट्टी बनाने वाले हैं। अभी दिल्ली से आते हुए वायुसेना चीफ ने कहा कि हमें सैन्य हवाई पट्टी में डेढ़ साल तक का वक्त लगता है। इस पर मैंने कहा कि हम आपके लिए सिर्फ 15 दिनों में ऐसा काम कर सकते हैं।
-नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री

सड़क पर भी विमान उतरेंगे

आज एतिहासिक दिन है। पहले सड़क पर वाहन चला करते थे, लेकिन 21वीं सदी में सड़क पर भी विमान उतरेंगे। भारत किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
-राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री

32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह हवाई पट्टी।
03 किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी है।
12 हाईवे इस तरह के तैयार किए जा रहे हैं देश में।
350 विमान खरीदने की योजना है 20 साल में।

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