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पीथमपुर और सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के बाद, अब मोहना में बनेगा तीसरा औद्योगिक क्षेत्र

इंदौर। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने राज्य का बजट बुधवार को पेश किया। इंदौर को जल्द ही एक ओर नया औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाने की दिशा में काम किया जाएगा। इंदौर से करीब 30 किमी दूर मोहना में नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने की घोषणा वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने की है। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इंदौर ने देपालपुर तहसील के मोहना गांव में नया औद्योगिक क्षेत्र बनाया है। इस नए औद्योगिक क्षेत्र की योजना बनाते वक्त एमपीआईडीसी बनाम मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इंदौर ने तय किया था कि यहां ऐसे उद्योगों को स्थापित करना है जो लगभग 5000 लोगों को रोजगार देने के लिए 1000 करोड़ रुपए का निवेश कर सकें। जनवरी 2022 तक यहां 800 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली कम्पनियों ने जमीनें खरीद ली हैं। बाकी 200 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली कम्पनियां और आ रही हैं। बची हुई बाकी जमीन खरीदने के लिए कम्पनियों के आवेदन एमपीआईडीसी के पास आ चुके हैं। जानकारों की माने तो यह इंदौर में पीथमपुर और सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया के बाद तीसरे नंबर का औद्योगिक क्षेत्र बनाया जाएगा।

आसानी से हो सकेगा एक्सपोर्ट

इंदौर के जिस मोहना इंडस्ट्रियल पार्क की घोषणा की गई है, वहां से एक्सपोर्ट बेहद आसानी से हो सकेगा। देपालपुर के पास मोहना गांव में 118.84 हेक्टेयर जमीन पर नया औद्योगिक क्षेत्र तैयार किया गया है। इसके पास ही से इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे गुजर रहा है। इसी के पास 150 एकड़ में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क भी विकसित किया जा रहा है। मोहना के पास ही बीजेपुर पार्क, इसी के आगे इंदौर की और कन्फेक्शनरी क्लस्टर व जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क प्रस्तावित हैं। इससे इंदौर का यह इलाका बड़े औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित होगा। लॉजिस्टिक हब के पास से ही 80 मीटर चौड़ी रोड भी बनेगी, जो पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया के मध्य से गुजरेगी। उधर 7.5 किमी का लंबा रेलवे ट्रैक टीही और हब को जोड़ेगा। टीही के पास धन्नड़ और कानकोर का कंटेनर डिपो है। यहां से माल टीही रेलवे मार्ग से आगे कांडला गुजरात के पोर्ट से जोड़ा जाएगा। यहीं फर्नीचर क्लस्टर लाया जा रहा है।

नया औद्योगिक पार्क 20 किलोमीटर दूर

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) द्वारा एनएच-59 यानी इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर बनाया जा रहा नया औद्योगिक पार्क इंदौर एयरपोर्ट से मात्र 20 किलोमीटर दूर है। धन्नड़ स्थित इनलेंड कंटेनर डीपो (आईसीडी) से मात्र 10 किमी है। जेएनपीटी पोर्ट 600 किलोमीटर दूर है। इन खूबियों के चलते यहां स्थापित होने वाली कंपनियों को अपने उत्पाद को निर्यात करने में आसानी होगी। 118 हेक्टेयर में विकसित मोहना इंडस्ट्रियल पार्क को 105 करोड़ रुपए खर्च कर विकसित किया गया है। यहां 16 में से 14 भूखंड कंपनियों को आवंटित भी किए जा चुके हैं। जिन कंपनियों को भूखंड आवंटित हो चुके हैं वे यहां पर 800 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली हैं। शेष रिक्त दो भूखंड के लिए भी कई कंपनियों से चर्चा की जा रही है। इस नए औद्योगिक क्षेत्र में वर्क वैलनेस मिलेनियम, मोहिनी हाइजीन, बेबी केयर, केयरफिट, जेनिथ ड्रग्स, गुफिन फॉर्मा, आजाद नमकीन, प्रतिभा पैकवेल, डीपी पॉलीमर, एमडीएडी, नेबाइन, रिकोन इंडस्ट्री और वनीता वायर को जमीन आवंटित की गई है।

एमपी में करीब 1200 स्टार्टअप

मध्यप्रदेश में 30 इंक्यूबेशन सेंटर रजिस्टर हैं। इसमें इंदौर में आईआईटी, आईआईएम, स्मार्ट सिटी और प्रेस्टिज इंस्टीट्यूट का भी इंक्यूबेशन सेंटर है। इंदौर में 8 जनवरी 2016 से ही इंक्यूबेशन सेंटर काम कर रहा है। पहला सेंटर सृजन इंक्यूबेशन सेंटर के नाम से क्रिस्टल आईटी पार्क में स्थापित किया गया था। एक तकनीकी संस्थान के डायरेक्टर के अनुसार किसी भी नए आइडिया के साथ शुरू होने वाले स्टार्टअप को, इंक्यूबेशन सेंटर जगह के साथ बिजनेस आइडिया और सेटअप के लिए नॉलेज देते हैं। नए स्टार्टअप को फंड कैसे जनरेट करना, प्रॉडक्ट की मार्केटिंग कैसे करना, बिजनेस के लिए वर्क स्पेस प्रोवाइड कराया जाता है। एमपी में करीब 12 सौ स्टार्टअप हैं, इसके पचास प्रतिशत अकेले इंदौर में हैं। इंदौर में तीन आईटी पार्क में स्टार्टअप कंपनियों ने दफ्तर खोल रखे हैं। इन तीन जगहों पर दो सौ से ज्यादा स्टार्टअप काम कर रहे हैं। पहला आईटी पार्क 2012 में शुरू हुआ था। इस क्रिस्टल आईटी पार्क के बाद अतुल्य आईटी पार्क और मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपी एमपीएसईडीसी) ने भी अपने आईटी पार्क शुरू कर दिए हैं।

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