Mradhubhashi
Search
Close this search box.

250 वर्षों बाद इतने बड़े पैमाने पर हो रहा महाकाल मंदिर क्षेत्र का निर्माण कार्य

उज्जैन। उज्जैन 250 वर्ष पूर्व महाकालेश्वर मंदिर में निर्माण कार्य हुआ था उसके बाद अब केंद्र व राज्य सरकार द्वारा महाकाल मंदिर क्षेत्र में 500 करोड़ की लागत से इतने बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। महाकालेश्वर मंदिर की पहचान विश्वस्तरीय है इस कारण निर्माण भी उसी स्तर का होना चाहिए। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकाल वन प्रोजेक्ट का स्थल निरीक्षण करते हुए कलेक्टर से कही। 

केंद्र सरकार के सहयोग से महाकाल मंदिर क्षेत्र में चल रहे 500 करोड़ के निर्माण कार्यों को जनवरी माह तक पूरा करने के लिए उज्जैन सांसद प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और पूर्व मंत्री पारस जैन ने कलेक्टर अशीष सिंह के साथ निरीक्षण किया।

करोड़ों का प्रोजेक्ट जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। डॉ. यादव ने बताया प्रोजेक्टर पूरा होने के बाद यहां अखिल भारतीय स्तर के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे।  निरीक्षण के दौरान जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी त्रिवेणी संग्रहालय-चारधाम मार्ग की ओर बन रहे मंदिर प्रवेश द्वार के पास पहुंचे। यहां उन्होंने निर्माण कार्य की जानकारी ली।

इस दौरान डॉ. यादव ने सुझाव दिया कि प्रवेश द्वार की सजावट में पीतल का उपयोग किया जाए। इस पर सांसद अनिल फिरोजिया ने सहमति जताई। साथ ही रूद्रसागर में बनने वाली ब्रिज को भोपाल में बने आकर्षक ब्रिज की तरह बनाने की सलाह विधायक जैन ने दी। महाकाल वन के विकास कार्य में त्रिवेणी संग्रहालय के सामने मल्टीलेवल पार्किंग, महाकाल प्रवचन हॉल और धर्मशाला का निर्माण किया जा रहा है।

त्रिवेणी संग्रहालय के पास एक कमल कुंड बनाया है। इसी के पास सप्त ऋषियों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। यहीं पंचमुखी शिव स्तंभ भी बनाया है।  बता दे कि इन्हीं सप्तऋषियों का संबंध सनातन धर्म के सभी प्राणियों के गौत्र से जुड़ा है। जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि महाकालेश्वर मंदिर के आसपास इतने बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहे हैं इसका प्रचार प्रसार उज्जैन सहित अन्य शहरों में भी किया जाए। प्रोजेक्ट के वीडियो बनाकर एलईडी स्क्रीन पर भी प्रचार करें।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट