Mradhubhashi
Search
Close this search box.

14 साल बाद मकान का कब्जा मिला तो रो पड़ी वृद्धा, कलेक्टर मनीष सिंह ने की कार्रवाई

इंदौर। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में इंदौर जिले में बुजुर्ग बेसहारा व्यक्तियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए सतत रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में जिला प्रशासन ने 70 वर्षीय महिला पुष्पा जैन को उनके विजय नगर स्थित मकान का कब्जा दिलाने की कार्रवाई की। बुजुर्ग महिला पिछले कई वर्षों से अपने मकान पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए परेशान हो रही थी। दरअसल, बीते दिनों कुछ मामले सामने आए थे, जिनमें बुजुर्ग, बेसहारा के मकानों पर दूसरों ने कब्जा कर लिया था। कुछ में तो किराएदार ही कब्जाधारी थे। कलेक्टर सिंह ने उस समय कहा था कि इस तरह के कृत्य करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। बुजुर्गों को परेशान किया, तो ठीक नहीं होगा। इसके बाद कुछ बुजुर्गों को उनके मकानों के कब्जे दिलवाए थे। इसी कड़ी में पिछले सप्ताह जनसुनवाई में पुष्पा जैन ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई थी। जैन ने बताया था कि उनके एचएफ-59 स्कीम 54, विजय नगर स्थित मकान पर राजेश गडकर और अनिल गडकर ने अवैध कब्जा कर लिया है। अनुविभागीय अधिकारी, जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के बाद भी मकान खाली नहीं कर रहे हैं। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए तहसीलदार हरिशंकर विश्वकर्मा को उक्त मकान खाली करवाने के निर्देश दिए थे।

मकान की चाबी देकर सौंपा कब्जा

कलेक्टर के निर्देशों के अनुपालन में बुधवार को तहसीलदार विश्वकर्मा ने विजय नगर स्थित मकान को बेदखली अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई के तहत खाली करवाया और कब्जा स्वरूप मकान की चाबी बुजुर्ग महिला पुष्पा जैन को सौंपी। जैन ने बताया कि वे पिछले 14 वर्षों से न्याय के लिए भटक रहीं हैं। वे 70 वर्षीय हैं और उनका बेटा भी दिव्यांग है। इतने सालों तक भटकने के बाद वे हिम्मत हार चुकीं थीं, लेकिन कलेक्टर ने उनकी समस्या सुनकर उसका निराकरण किया। कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जो लोग बुजुर्ग-बेसहारा व्यक्तियों को प्रताड़ित करेंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी और बुजुर्ग व निराश्रित व्यक्तियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए जिला प्रशासन सतत रूप से कार्यरत रहेगा।

किडनी मरीज को वापस दिलवाए रुपए

इसी तरह पिछले महीने आशीष अग्रवाल ने कलेक्टर को लिखित शिकायत कर बताया था कि उनकी किडनी खराब है। उनके कुछ रुपयों का भुगतान अर्पित मित्तल, जितेंद्र अग्रवाल और शिरीष अग्रवाल के पास बकाया था, जो उन्हें कई प्रयासों के बाद भी वापस नहीं मिल पा रहा था। उन्हें इलाज के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। कलेक्टर ने एडीएम पवन जैन को उनकी समस्या के निराकरण के लिए पीड़ित द्वारा बताए गए व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान आशीष अग्रवाल के इलाज के लिए रेडक्रॉस से आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई। एडीएम जैन ने कार्रवाई कर बुधवार को आपसी सहमति से आशीष अग्रवाल को उनकी बकाया राशि वापस दिलाई।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट