मथुरा। कृष्ण की नगरी मथुरा में धारा 144 लगाए जाने के बाद हिन्दू महासभा के सभी पदाधिकारियों को मथुरा पुलिस ने घर में ही नजरबंद कर दिया है। दरअसल, 16 नवंबर को हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने विवादित कृष्ण जन्मभूमि स्थल मथुरा में जलाभिषेक की घोषणा की थी जिसके बाद मथुरा प्रशासन ने पूरे जिले में धारा 144 लागू करने का फैसला लिया है। उस जगह अभी एक मस्जिद भी है। हिन्दू महासभा के सभी पदाधिकारियों को नजरबंद किए जाने के बाद 6 दिसंबर को प्रस्तावित जलाभिषेक कार्यक्रम को संगठन की तरफ से रद्द कर दिया गया है।
जन्मभूमि की सुरक्षा और कड़ी
इतना ही नहीं हिंदू महासभा की तरफ से जलाभिषेक की घोषणा के बाद मथुरा प्रशासन द्वारा जन्मभूमि की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। जिले की सभी सीमाओं पर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पड़पोती राज्यश्री ने अपना प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द कर दिया।
मदन मोहन मालवीय ने बनवाया था मंदिर
हिन्दू महासभा द्वारा दाखिल कृष्णा जन्मभूमि से ईदगाह को हटाने का विवाद भी मथुरा के स्थानीय अदालत में चल रहा है जिसकी अगली सुनवाई 15 फरवरी को है। कृष्णा जन्मभूमि वाली 13.33 एकड़ जमीन राजा मल से अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय ने खरीदी थी। उन्होंने उद्योगपति बिरला से कहकर जन्मभूमि पर मंदिर बनवाया क्योंकि प्राचीन कंस की जेल के चबूतरे पर मुगल शासक औरंगजेब ने शाही ईदगाह बनवा दी थी.
अतिक्रमण करके बनाई गई शाही ईदगाह
इस मामले पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक का कहना है कि शाही ईदगाह अतिक्रमण करके बनाई गई है। इससे पहले वहां पर राजा कंस की जेल थी, जहां भगवान श्री कृष्णा का जन्म हुआ था।