नेपानगर। नेपानगर विधानसभा के चर्चित बोरबन तालाब घोटाले में हो रही ताबड़तोड़ गिरफ्तारीयों के बीच आदिवासी विकास परिषद ने सभी आरोपियों पर अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की है।
एडीएम सोलंकी द्वारा जांच रिपार्ट पेश करने के बाद बुधवार शाम नेपानगर पुलिस स्टेशन में तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के बाद दो दिनों से लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी जारी है। तत्कालीन भूअर्जन अधिकारी एसडीएम विशा माधवानी भी इस मामले में आरोपी है। जानकारी अनुसार तत्कालीन एसडीएम माधवानी की गिरफ्तारी अभी तक नही हो पाई है।
पीड़ित हितग्राही आदिवासीयों का आर्थिक शोषण हुआ है।
इसी बीच आदिवासी विकास परिषद बुरहानपुर से प्रदेश सदस्य रविन्द्र मसाने द्वारा तहसीलदार नेपानगर को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौपा गया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि विशा माधवानी सहित सभी आरोपियों पर एट्रोसिटी एक्ट की धाराओं के तहत भी केस दर्ज किया जाय ।मसाने ने कहा कि चूंकि पीड़ित हितग्राही आदिवासीयों का आर्थिक शोषण हुआ है। भूमि अधिग्रहण कर कर मुआवजा ना देना पीड़ितों के साथ अन्याय है। आगे भी ऐसी घटनाओं और घोटालों पर रोक लगे इसलिए सभी दोषियों पर एट्रोसिटी एक्ट भी लगाया जाना चाहिए।आरोपियों पर एट्रोसिटी एक्ट की धाराओं के तहत भी केस दर्ज किया जाय ।इस दौरान हरीश शिंदे,अरशद खान,जय साल्वे, रविन्द्र मसाने सहित अन्य उपस्तिथ थे ।
इन सभी आरोपियों पर धारा 420,406,409,467,468,471 व 120-B के तहत मामला दर्ज हुआ है।