Mradhubhashi
Search
Close this search box.

इंदौर के पहले सांसद कन्हैयालाल खादीवाला की बहू पर फर्जी साइन कर 12.50 लाख रुपए निकालने का आरोप

इंदौर। वर्ष 1952 में बने इंदौर के पहले सांसद कन्हैयालाल खादीवाला ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस गांधी भवन ट्रस्ट की स्थापना वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर कर रहे हैं, एक दिन उसमें उनके ही परिवार के लोग आपस में ऐसा लड़ेंगे कि खुद उनकी और परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लग जाएगी। कन्हैयालाल खादीवाला की बहू आशा खादीवाला ने अन्य ट्रस्टियों के फर्जी साइन कर ट्रस्ट के खाते से 12.50 लाख रुपए निकाल लिए। मामले में बैंक की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

कूटरचित दस्तावेजों के जरिए निकाले रुपए

गांधी भवन ट्रस्ट में ट्रस्टी नीलम पटेल ने दूसरी ट्रस्टी और स्व. खादीवाला की बहू आशा खादीवाला पर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए रुपए निकालने का आरोप लगाते हुए पंढरीनाथ थाने में आवेदन दिया है। उनका आरोप ये है कि पूर्व मंत्री स्व. सुरेश सेठ के भी फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। विवाद के कारण रीगल तिराहा स्थित पेट्रोल पंप भी कई दिनों से बंद हो गया है। गांधी भवन ट्रस्ट की स्थापना कन्हैयालाल खादीवाला ने वर्ष 1953 में की थी। बाद में संचालन के लिए ट्रस्ट गठित किया गया, जिसमें उनके परिवार के लोग ही ट्रस्टी बनते आ रहे हैं। आज ये ट्रस्ट विवादों का केंद्र बन गया है। स्व. खादीवाला की बहू आशा खादीवाला पर दूसरी ट्रस्टी नीलम पटेल ने सनसनीखेज आरोप लगाकर ट्रस्ट में चल रहे भ्रष्टाचार को सामने ला दिया है। पंढरीनाथ थाना प्रभारी को दिए आवेदन में पटेल ने आरोप लगाया है कि आशा खादीवाला ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए ट्रस्ट के बैंक ऑफ इंडिया (पीवाय रोड शाखा) के खाते (क्र. 53042 771 120) से 12.50 लाख रुपए निकाल लिए। नियमानुसार, खाते से जब भी पैसा निकलेगा उस पर आशा खादीवाला के अलावा राजेंद्र खादीवाला के भी हस्ताक्षर होंगे। लेकिन उनके हस्ताक्षर किए बिना पैसों को निकाला गया, जिसमें बैंक भी शामिल हो सकती है।

बड़ी बेटी चेताली शर्मा एवं शिल्पा शाह भी इस कांड में शामिल हैं, जिन्होंने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और फर्जी हस्ताक्षर किए। खास बात ये है कि गांधी भवन के ट्रस्टी एवं पूर्व मंत्री स्व. सुरेश सेठ के भी फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। आशा गांधी भवन ट्रस्ट की ओर से बैंक ऑफ इंडिया की पीवाय रोड शाखा में खाते का संचालन, ट्रस्ट के बही खाते, मिनिट्स बुक एवं ट्रस्ट के सभी फिक्स डिपॉजिट रसीद, ट्रस्ट की संपत्ति के दस्तावेजों की व्यवस्था संभालती हैं। नीलम पटेल ने कई बार बही खाते का निरीक्षण करने के लिए दस्तावेजों की प्रतिलिपि मांगी लेकिन उन्हें नहीं दी गई।

विवाद में हुए पेट्रोल पंप बंद

जब तक पुत्र गोविंद खादीवाला ट्रस्ट के अध्यक्ष थे तब तक सब ठीक था, लेकिन उनके निधन के पश्चात ट्रस्ट पर उनके परिवार के लोगों ने मनमानी शुरू कर दी। बड़े सुपुत्र प्रहलादराय द्वारा रीगल तिराहा पर स्थापित पेट्रोल पंप भी परिवारिक विवादों में कई दिनों से बंद है। चंद्रावतीगंज स्थित कस्तूरबा कन्या सेवा सदन भी विवादों के कारण कई वर्ष पूर्व बंद हो चुका है।

दो ही लोगों के हस्ताक्षर हो सकते हैं

नीलम पटेल ने बताया कि कोर्ट ने ट्रस्ट के बीच हुए समझौते 2 अप्रैल 2012 अनुसार पारित आदेश 3 मई 2012 के पालन में ट्रस्ट के खातों का संचालन सिर्फ आशा खादीवाला एवं राजेंद्र खादीवाला के संयुक्त हस्ताक्षर से ही करने के निर्देश दिए थे। अन्य किसी भी व्यक्ति द्वारा नहीं। लेकिन आशा खादीवाला ने बेटी चेताली शर्मा तथा परिवारिक मित्र शिल्पा शाह के साथ षड्यंत्र रच कर और राजेंद्र खादीवाला के हस्ताक्षर के बिना ही ट्रस्ट के खाते का अवैध रूप से संचालन करती रही हैं। उन्होंने रिश्तेदार मनीष पुरोहित, निकिता शर्मा, प्रिया शाह, बलवीर सिंह, पीयूष और वल्लभ के नाम से लगभग 12 लाख 50 हजार रुपए निजी उपयोग के लिए निकाले।

उन्होंने अन्य ट्रस्टी राहुल खादीवाला, रूबी खादीवाला, स्व. सुरेश सेठ एवं अर्पिता कुचेरिया के फर्जी हस्ताक्षर कर मिनिट्स की कूटरचना की है। उन्होंने इन लोगों को ट्रस्टी बताया है, जबकि हकीकत ये है कि पंजीयक लोक न्यास के रिकार्ड में ट्रस्टी के रूप में उल्लेखित नहीं हैं। फिर उनके हस्ताक्षर से राशि कैसे निकाली जा सकती है। यही नहीं, आशा खादीवाला ने बेटी व अन्य के साथ मिलकर एफडी भी तुड़वाकर निजी उपयोग में ले ली है। अपनी गड़बड़ी छिपाने के लिए उन्होंने ट्रस्ट के बही खातों में, मिनिट्स बुक की कूटरचना की और उन बही-खातों को पंजीयक कार्यालय में जमा नहीं किया है। राजेंद्र खादीवाला ने अपने जीवन काल में उपरोक्त चेकों पर कभी हस्ताक्षर नहीं किए। ये सारा खेल उन्होंने 5 से 8 जनवरी 2018 के बीच किया। नीलम पटेल ने पुलिस को दिए आवेदन में स्व. सुरेश सेठ का मेडिकल रिकॉर्ड, 2 अप्रैल 2012 को हुए समझौते, न्यायालयीन आदेश का पत्र पंजीयक लोक न्यास इंदौर का अभिलेख, ट्रस्ट के बैंक खाते का विवरण, मिनट्स बुक, एफडी की कॉपी एवं सिग्नेचर वैरिफिकेशन की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है।

ट्रस्ट की सचाई उजागर की

मैंने ट्रस्ट की सचाई उजागर करने की कोशिश की है। आशा खादीवाला ने बेटी और अन्य के साथ मिलकर ट्रस्ट के खातों में जो गड़बड़ियां की हैं, वो सामने लाना मेरा फर्ज है जो पूरा किया। -नीलम पटेल, ट्रस्ट गांधी भवन ट्रस्ट

मैंने कोई गड़बड़ नहीं की

मैंने न तो कोई गबन किया है और न ही कोई कूटरचित दस्तावेज आदि बनवाए हैं। अभी तक पुलिस ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। वो पूछेंगे तो उन्हें अपनी बेगुनाही के प्रमाण दे दूंगीं। -आशा खादीवाला, जिन पर गबन का आरोप है

अभी जांच कर रहे हैं

अभी मामला जांच में है। अभी सचाई पता लगवा रहे हैं कि क्या वास्तव में पैसा आहरित हुआ है? बैंक में जाकर पूछताछ की है। अन्य संबद्ध पक्षों से भी चर्चा कर किसी नतीजे पर पहुंच पाएंगे। राकेश मोदी, थाना प्रभारी पंढरीनाथ थाना।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट