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शास्त्रों के अनुसार मौत से पहले ऐसे मिलते हैं मानव को संकेत

योगेंद्र शर्मा। मृत्यु एक अटल सत्य है और जो इंसान जन्म लेकर पृथ्वी पर आया है उसका परलोक गमन भी सुनिश्चित है। जन्म के साथ ही मृत्यु भी निश्चित हो जाती है और एक नियत समय पर आत्मा शरीर को छोड़कर परम ब्रह्म में विलिन हो जाती है।

शास्त्रों के अनुसार मृत्यु से पहले मानव को कुछ विशेष लक्षणों की अनुभूति होती है या विशेष लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे इस बात का अंदाजा लग जाता है कि अब इहलोक से परलोक में प्रस्थान का समय आ गया है।

  • मृत्यु से कुछ समय पहले इंसान की भूख-प्यास खत्म हो जाती है और वह खाना पीना बंद कर देता है। उसका अपने लोगों से संपर्क पूरी तरह से खत्म हो जाता है। इंसान स्वयं में काफी हल्का महसूस करने लगता है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है और बातचीत बंद हो जाती है।
  • मृत्यु से पूर्व मानव को अपने पूर्वज नजर आने लगते हैं। यमराज और यमदूतों की आहट का अहसास होने लगता है और साथ ही आध्य़ात्मिक शक्तियों की भी अनुभूति होने लगती है।
  • रोगशय्या पर लेटे हुए इंसान को यदि सपने में काला रंग दिखाई दे तो उसको मृत्यु पूर्व का संकेत माना जाता है। मृत्यु से पहले इंसान को अशुभ स्वप्न भी आते हैं।
  • गरुड़ पुराण के अनुसार इंसान की मृत्यु जब निकट होती है तो उसको अपने नजदीक का इंसान भी दिखाई नहीं बंद हो जाता है सिर्फ यमदूत या तो दिखाई देते हैं या उनके आने की आहट महसूस होती है। आत्मा के शरीर छोड़ने के समय सांसे उल्टी चलने लगती है।
  • मौत जब निकट होती है तो इंसान को अपना साया भी दिखाई देना बंद हो जाता है। दर्पण, पानी और तेल में स्वयंद की छाया दिखाई नहीं देती है। और शरीर से अजीब गंध निकलती है जिसको मृत्यु की गंध भी कहते हैं।
  • यदि जीभ किसी भी चीज का स्वाद महसूस करना बंद कर दे और बांया हाथ लगातार फड़कता रहे तो समझ लेना चाहिए की मौत का साया इंसान के आसपास ही मंडरा रहा है।
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