भोपाल। तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय छात्रा लावण्या के सुसाइड मामले ने राजनीति ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में सरकार की भूमिका संदिग्ध मानते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कई कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर भी कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया और केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की करते हुए निधि त्रिपाठी की रिहाई को लेकर गुहार लगाई।
लावण्या आत्महत्या के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और निधि त्रिपाठी की रिहाई की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सड़को पर उतर गई हैं। मंगलवार को तमिलनाडु सरकार के खिलाफ एबीवीपी ने राजधानी में सड़को पर बैठकर विरोध जताया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि लावण्या पर मिशनरी संस्था धर्मांतरण के लिए दबाव बना रही थी। बढ़ते दबाव को देखते हुए लावण्या ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की धमकी दी।
बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच CBI को सौंपी है। इसके खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। 14 फरवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकने से इनकार कर दिया है। वहीं, तमिलनाडु पुलिस को आदेश दिया कि वो अपनी तरफ से जुटाए सबूत CBI को सौंपे। साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले में बहुत कुछ जांच होनी है, इसलिए वो इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाए।