उज्जैन। श्रावण के पहले सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाबा महाकाल के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे थे। लेकिन इसी दौरान मंदिर के बाहर भक्तों में भगदड़ मच गई थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने उम्मीद से ज़्यादा लोगों के मौके पर पहुंचने को इस भगदड़ का कारण बताया है। लेकिन विपक्ष इसमें सीएम शिवराज को दोषी करार दे रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज का फोटो जला कर विरोध प्रदर्शन किया।
इस घटना में एनएसयूआई ने सीएम शिवराज पर महाकाला की सवारी की व्यवस्था को बिग़ाडने का आरोप लगाते हुए टॉवर चौराहे पर पहले मुख्यमंत्री शिवराज का फोटो जला कर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद नारेबाज़ी करते हुए तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है। मामले में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतेश शर्मा ने कहा है की बाबा महाकाल की सवारी के दौरान व्यवस्थाएं नहीं सुधरने पर वे उग्र आंदोलन करेंगे। फ़िलहाल तहसीलदार ने ज्ञापन लेकर मामले में उज्जैन कलेक्टर से चर्चा करने की बात कही है।
गौरतलब है कि घटना को हुए एक हफ्ते से ज़्यादा हो चुके है। जिसके बाद एनएसयूआई मामले में जागता हुआ नज़र आ रहा है। जबकि पहले सोमवार के बाद दूसरे सोमवार पर प्रशासन ने बाबा महाकाल की सवारी को सुचारु रूप से सचालित करवाई थी। लेकिन अब एनएसयूआई का आक्रोश सामने आरहा है।
उज्जैन से मृदुभाषी के लिए अमृत बैंडवाल की रिपोर्ट