उज्जैन: शहर में एक ऑटो चालक ने नृशस तरीके से अपने दोनों हाथों की नसें काट ली। उसके बाद भी जब प्राण नहीं निकले तो कटार से खुद का गला काट कर आत्महत्या कर ली। घटना मंगलवार तड़के 3 बजे की बताई जा रही है। पुलिस के अनुसार ऑटो चालक बेरोजगारी और मकान के कर्ज से परेशान चल रहा था।
मकान कर्ज से था परेशान
लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी और नए मकान के कर्ज से परेशान होकर एक ऑटो चालक ने खुद को ऐसी दर्दनाक मौत दी की अधिकारी भी शव को देखकर दंग रह गए। ऑटो चालक ने अपने दोनों हाथों की नसें काट ली। उसके बाद कटर से अपना गला रेत लिया। अधिक खून बह जाने के कारण ऑटो चालक की घर में ही मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। नागझिरी थाना क्षेत्र के ग्राम मालनवासा स्थित रिधि विहार कॉलोनी में रहने वाले ऑटो चालक बसंत पिता अनिल राणावत 32 वर्ष का खून से सना हुआ शव रात 3 बजे उसकी मां किरण ने कमरे में पड़ा देखा। अपने दूसरे बेटे को नींद से जगा कर जानकारी दी। इस दौरान घर में चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस नागझिरी पुलिस मौके पर जांच के लिए पहुंची। तड़के 5 बजे पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। वही मामले की जांच के लिए एफ एस एल अधिकारी डॉ. प्रीति गायकवाड को बुलाया गया।
दर्दनाक तरीके से की आत्महत्या
एफएसएल जांच में सामने आया कि ऑटो चालक बसंत के दोनों हाथों की नशे कटी हुई थी। गला बुरी तरह रेता हुआ था। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का सामने आया है। घटनास्थल से शीट कटर की ब्लेड बरामद की गई है। एफएसएल अधिकारी का कहना था कि युवक ने खुद को काफी दर्दनाक तरीके से काटा है। संभवत पहले उसने हाथों की नसें काटी और उसके बाद अपना गला रेता है। एफएसएल अधिकारी का कहना था कि उन्होंने अभी तक आत्महत्या ऐसा मामला नहीं देखा। पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।
नहीं छोड़ा सुसाइड नोट
मृतक के भाई भूषण ने बताया कि बसंत की पत्नी डिंपल की तबीयत खराब होने पर डॉक्टरों ने उसे आइसोलेशन में रहने की सलाह दी है। जिसके चलते वह अलग कमरे में थी। भाभी की तबीयत खराब होने पर बसंत अपने एक बेटे को नानी के यहां छोड़ आया था। रात तक वह बिल्कुल ठीक था। मां के साथ कुछ देर घर के बाहर टहलने भी गया था। उसके बाद अपने कमरे में चला गया था। पुलिस के अनुसार घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मामले की जांच शुरू की गई हैं।
भाई ने बताया कि पिता सरकारी नौकरी में है कुछ समय पहले ही रिधि विहार में मकान खरीदा था। बिच की दीवार क्रेक हो गई थी बिल्डर ने तोड़कर नई बना दी थी बावजूद दीवार में क्रैक आ गया था। बिल्डर ने मकान वापस लेने और 22 लाख वापस लौट आने की बात भी कह दी थी। लेकिन लॉकडाउन लग गया और इस बीच उसका ऑटो व्यवसाय भी पूरी तरह बंद हो गया। बैंक से लोन लिया गया था। जिसकी किस्त भी लगातार आ रही है। जिसको लेकर बसंत परेशान रहता था संभवत इसी के चलते हैं आत्मघाती कदम उठाया है।