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आपके बीच में एक किसान बात कर रहा है, आप भरोसा करना – अभिषेक सिंह

झाबुआ। देवारण्य योजना अंतर्गत औषधीय कृषि हेतु बैठक अभिषेक सिंह आईएएस उप सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मध्यप्रदेश, प्रमुख सलाहकार, राज्य नीति एवं योजना आयोग मध्यप्रदेश एवं नोडल अधिकारी देवारण्य योजना मध्यप्रदेश व आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी संचनालय मध्यप्रदेश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर सोमेश मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सिद्धार्थ जैन, सलाहकार राज्य नीति एवं योजना आयोग मध्यप्रदेश श्री भानु मित्रा एवं शिवगंगा से श्री राजाराम कटारा एवं श्री नीतिन जी, श्री संजय निज सहायक राज्यनीति एवं योजना आयोग मध्यप्रदेश एवं जिला अधिकारी, कृषक सलाहकार, विपणन सलाहकार उपस्थित थे।

बैठक में आयुक्त महोदय सिंह द्वारा बताया गया कि मैं भी एक किसान हॅू एवं आपके बीच में एक किसान बात कर रहा है, आप भरोसा करना। आज की बैठक का मेरा मुख्य उद्देश्य देवारण्य योजना अंतर्गत औषधीय कृषि हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करना है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति एवं औषधीय पौधों के लिए उनकी सहायता की जाना है। इस हेतु जिले के कृषक एवं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। औषधी पौधों में आवला, हरड, बहेडा एक साथ उत्पादन के लिए कृषकों को प्रदान किया जाना है। जिसके विपणन का भी स्थाई निराकरण किया जाएगा। मनरेगा योजना के अंतर्गत इसमें कार्य होगा। प्रथम चरण में लगभग 5 लाख पौधे लगाए जाएगें। मुख्य रूप से इस योजना में महिलाओं को जोडना है। वन क्षेत्र को बढ़ावा भी देना है। कम्यूनिटी फारेस्ट बनाकर कम्यूनिटी कमेटि इस संबंध में कार्य करेगी। इस योजना में तुलसी, अश्वगंधा की खेती को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।

कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा ने बताया कि इसे झाबुआ मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा एवं मार्केटिंग के लिए पर्याप्त मंच दिया जाएगा। इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। जिले में पर्याप्त फारेस्ट भूमि उपलब्ध है। ऐसे स्थान लिए जाएगें जहां वन क्षेत्र नहीं है। वहां पर सघन वन के लिए स्थानीय कम्यूनिटी को जिम्मेदारी सौपकर औषधी पौधों को लगाया जाएगा।

बैठक में शिवगंगा से श्री राजाराम जी कटारा द्वारा बताया कि यहां के किसान जल, जंगल, जमीन से जुडे हैं एवं औषधीय पौधों के लिए व्यापक रूप से प्रशिक्षण एवं वितरण हेतु मार्केट की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। तो किसान इस योजना से लाभ प्राप्त कर आगे आ सकता है। यहां पर नीम एवं सीताफल के लिए भूमि अच्छी है। इसे भी बढ़ावा दिया जा सकता है।

बैठक में उप संचालक कृषि, उपायुक्त सहकारिता, जिला आयुष अधिकारी, परियोजना अधिकारी मनरेगा, सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग, परियोजना अधिकारी आत्मा परियोजना, अनुविभागीय अधिकारी वनमण्डल, अनुविभागीय अधिकारी नर्सरी उद्यानिकी विभाग उपस्थित थे।

अर्चित अरविन्द डाँगी

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