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ओंकारेश्वर में शंकराचार्य के बाल रूप की108 फीट ऊंची मूर्ति लगेगी

भोपाल। मध्यप्रदेश की कैबिनेट ने सोमवार को ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगाने को मंजूरी दे दी है। इसकी लागत करीब 200 करोड़ रुपए होगी। इसके लिए 11 साल की उम्र के शंकराचार्य का दुर्लभ चित्र तैयार किया गया है, जिसे आधार बनाकर मूर्ति बनाई जा रही है। अगले साल सितंबर तक लोकार्पण कराने की तैयारी है।

मध्यप्रदेश के उज्जैन में श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद अब खंडवा में ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने की तैयारी हो रही है। यह मूर्ति ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग और नर्मदा की ओर रहेगी। 100 टन की यह मूर्ति 50 फीट ऊंचे भव्य और कलात्मक आधार पर खड़ी होगी। इसमें कॉपर, टिन, जिंक और अन्य धातुओं का मिश्रण रहेगा।

समतलीकरण का काम पूरा

मुंबई के प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत ने यह चित्र तैयार किया है। इसके आधार पर भगवान रामपुरे विशाल मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं। मूर्ति का निर्माण अभी पहले चरण में है। ओंकार पर्वत पर मूर्ति लगाने के लिए समतलीकरण का काम लगभग पूरा हो गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत दो हजार करोड़ रुपए बताई जाती है। एकात्मता का वैश्विक केंद्र के तौर पर इसे विकसित किया जा रहा है।

लागत 40 करोड़ रुपए बढ़ी

ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की जो प्रतिमा लगाई जा रही है, उसकी लागत 158 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी। इसे बढ़ाकर 198.25 करोड़ रुपए किया गया है। प्रतिमा में आंशिक बदलाव भी किए गए हैं। कॉपर, जिंक और लेड का अनुपात 88:8:4 के स्थान पर अधिक मजबूती देने के लिए कॉपर, जिंक, लेड और टीन का अनुपात अब 85:5:5:5 रखने का निर्णय लिया गया है। प्रोजेक्ट के पास एक सूचना केंद्र बनेगा, जिसमें एकात्मता की प्रतिमा की प्रतिकृति का भी निर्माण इस लागत में शामिल है।

एक नवंबर से सात दिन के कार्यक्रम

प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस यानी एक नवंबर से सात दिन तक समारोहों का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन यानी 17 सितंबर से 31 अक्टूबर तक लाभार्थी जोड़ने के लिए जन सेवा कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इनमें अब तक 52 लाख लोगों को जोड़ा जा चुका है। 31 अक्टूबर तक 60 लाख का आंकड़ा छू लिया जाएगा। इसमें केंद्रीय मंत्री, राज्य के मंत्री, सांसद-विधायकों का विशेष सहयोग रहा है। दो नवंबर को लाड़ली लक्ष्मी कार्यक्रम होगा। तीन नवंबर को स्वच्छता, सजावट, रंगोली की गतिविधियां रहेंगी। चार नवबंर को एक जिला एक उत्पाद योजना के साथ ही रोजगार दिवस मनाया जाएगा। पांच नवंबर को लोकनृत्य पर आधारित कार्यक्रम होगा।

कैबिनेट में लिए गए अन्य फैसलेऔद्योगिक भूमि आवंटन प्रबंधन नियम 2021 में संशोधन होगा। उद्योग विभाग मध्यम श्रेणी के उद्योगों को अपनी जमीन दे सकेगा। विकसित भूखंडों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ की पद्धति से किया जाएगा। इसका कोई भी व्यक्ति लाभ ले सकेगा। छोटी इकाइयां भी शुरू हो सकेंगी।
-फर्नीचर क्लस्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंधित गतिविधियों से आरा मशीन को हटाया जाएगा। बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों को सशर्त आधार पर नई जमीन का आवंटन होगा।
-स्व-सहायता समूहों के माध्यम से उचित मूल्य की दुकानें संचालित होंगी। 26 हजार से अधिक दुकानें हैं। इनमें से चार हजार नगरीय क्षेत्रों में 21 हजार से अधिक दुकानें हैं। अब एक व्यक्ति एक ही दुकान चला सकेगा। जो बचेंगी, वे दुकानें स्वसहायता समूहों को दी जाएंगी।

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