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94 साल की चैंपियन दादी बनीं प्रेरणास्रोत, वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल

नई दिल्ली। उम्र तो सिर्फ एक आंकड़ा है… इस कहावत को भारत की 94 वर्षीय भगवानी देवी ने साबित कर दिखाया है। जिस उम्र में अमूमन लोग ठीक ढंग से उठ-बैठ नहीं पाते उस उम्र में उन्होंने विदेश में भारत के तिरंगे का माना बढ़ाया है। उन्होंने
फिनलैंड में हुई वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में सीनियर सिटीजन कैटिगरी में 100 मीटर रेस का गोल्ड जीता तो फिर शॉटपुट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। फिनलैंड के टेम्परे में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्प्रिंटर दादी भगवानी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में यह कमाल किया।

उन्होंने 24.74 सेकंड के टाइम के साथ गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाला। साथ ही शॉटपुट यानी गोला फेंक में भी ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। तिरंगा वाली जर्सी में, जिसपर इंडिया लिखा है, वे मेडल दिखाते नजर आ रही हैं। उनकी तस्वीर वायरल हो रही है और हर कोई उनकी हिम्मत की दाद रहे रहा है। मिनिस्ट्री आॅफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स ने आॅफिशल ट्विटर अकाउंट पर उनकी तस्वीर को पोस्ट करते हुए तारीफ की है। मिनिस्ट्री की ओर से लिखा गया- भारत की 94 वर्षीय भगवानी देवी ने एकबार फिर बतला दिया है कि उम्र तो सिर्फ संख्या है। उन्होंने गोल्ड और और ब्रॉन्ज मेडल जीता। वाकई में साहसिक प्रदर्शन है।

वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 35 साल या उससे ज्यादा के पुरुष और महिला एथलीटों के लिए ट्रैक और फील्ड से जुड़े इवेंट्स का टूर्नामेंट है। यह टूर्नामेंट बिना किसी मानक के सभी एथलीटों के लिए ओपन है। इस साल टूर्नामेंट 29 जून को शुरू हुआ, जो 10 जुलाई को खत्म हुआ।

1975 से हुई थी मास्टर्स एथलेटिक्स की शुरुआत

वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप की शुरुआत 1975 में की गई थी। इसमें शुरुआत में केवल 5 ऐज ग्रुप को शामिल किया गया था, लेकिन अब 12 एज ग्रुप में स्पोर्ट्स इवेंट्स आयोजित कराए जाते हैं। पहला ऐज ग्रुप 35 से ऊपर आयु वर्ग का है। दूसरा 40 साल से ऊपर, तीसरा 45 से ऊपर, चौथा 50 साल से ऊपर, पांचवां 55 साल से ऊपर, छठवां 60 साल से ऊपर, सातवां 65 से ऊपर, आठवां 70 साल से ऊपर, नौवां 75 साल से ऊपर, दसवां 80 साल से ऊपर, ग्यारहवां 85 साल से ऊपर और बारहवां 90 साल से ऊपर का है।

मास्टर्स चैंपियनशिप में होते हैं ये इवेंट्स

इस चैंपियनशिप में एथलेटिक्स की कई प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 500 मीटर रनिंग, शॉट हर्डल (80, 100, और 110 मीटर), लॉन्ग हर्डल में 200, 300 और 400 मीटर शामिल है। इसके अलावा स्टीपल चेज, 4 गुणा 100 मीटर रिले, 4 गुणा 400 मीटर रिले, 5000 मीटर वॉक रेस, हाई जंप, पोल वॉल्ट, त्रिपल जंप, शॉट पुट, डिस्कस थ्रो, जेवलिन, हैमर थ्रो, हेप्टाथलन, हाफ मैराथन, 10 मीटर रोड वॉक, 20 मीटर रोड वॉक और क्रॉस कंट्री रेस शामिल है।

इससे पहले चेन्नई में जीते थे दो गोल्ड

इससे पहले भगवानी देवी ने चेन्नई में राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते थे और इस प्रकार विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार अर्जित किया था। चेन्नई में होने वाले आयोजन से पहले, उन्होंने दिल्ली स्टेट एथलेटिक चैंपियनशिप में 100 मीटर डैश, भाला फेंक और शॉट पुट स्पधार्ओं में तीन स्वर्ण पदक जीते थे।

इंडिया की नॉनजेनेरियन ग्रैंड मदर

दुनियाभर के लोग अब इस दादी के बारे में जानना चाहते हैं। इन्हें इंडिया की नॉनजेनेरियन ग्रैंड मदर कहा जा रहा है। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने इनकी तारीफ करते हुए एक पोस्ट लिखा है। इंस्टाग्राम पर कंगना ने भगवानी को बधाई देते हुए लिखा कि हमारे देश की 94 साल की भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फिनलैंड के टाम्परे में 24.74 सेकेंड के समय के साथ 100 मीटर में स्वर्ण पदक जीता। बहुत-बहुत बधाइयां मां जी।

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