जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासियों-जनजातियों को साधने की कोशिश की है। गृह मंत्रीअमित शाहऔर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को जनजातियों के विकास के लिए कई घोषणाएं कीं।
गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने हर आदिवासी ब्लॉक में एकलव्य स्कूल बनाए। आदिवासी दिन भर मेहनत करता है। इसलिए मोदी सरकार ने कांग्रेस के शासन के मुकाबले सभी राज्यो में 49 उत्पादों को MSP पर खरीदना शुरू किया। इस दौरान गृह मंत्री ने बड़ी घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग पर आने वाले 5 सालों में 51 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर में अमर शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह की याद में आयोजित बलिदान दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे । गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जनजातीय नेताओं के बलिदान को याद करने के लिए 200 करोड़ की लागत से संग्रहालयों का निर्माण किया जाएगा। ये संग्रहालय छत्तीसगढ़, तेलंगाना , मणिपुर, मिजोरम, छिंदवाड़ा में बनाए जाएंगे।
गुमनाम शहीदों का इतिहास फिर लिखा जाएगा
उन्होंने कहा कि अमर शहीद शंकर शाह और रघुनाथ शाह जैसे वीरों की बदौलत ही आज हम आजादी की सांस ले रहे हैं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने तय किया है कि हम ऐसे वीरों को नमन करेंगे, जिन्हें इतिहास में स्थान नहीं दिया गया। गुमनाम शहीदों का इतिहास फिर लिखा जाएगा। देश में ऐसे कई वीर-बलिदानी हैं, जिसे इतिहास में स्थान नहीं मिला. आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हम ऐसे अमर शहीदों के इतिहास को पुनर्जीवित करेंगे।
भगवान बिरसा मुंडा को कौन भूल सकता है
जबलपुर न केवल शंकर शाह और रघुनाथ शाह, बल्कि वीरांगना रानी दुर्गावती का भी स्थान है। 1857 से लेकर 1947 तक जितने भी गुमनाम वीर हैं, उनके नाम को हम पुनर्जीवित करेंगे। जितने बलिदान हमारे जनजातीय महानायकों ने दिए उतने शायद ही किसी ने दिए हों। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा को कौन भूल सकता है। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के समय 2013-14 में आदिवासियों के बजट 4200 करोड़ था। मोदी सरकार ने इस बजट को 2021-22 में 7900 करोड़ कर दिया।
आदिवासियों को सौगात दी
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आदिवासियों को सौगात दी। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र की वन उपज को MSP पर खरीदा जाएगा । सरकार औषधियों को प्रॉसेस कर बेचेंगी । पेसा एक्ट को मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा । ग्राम सभा को अधिकार दिए जाएंगे । जनजातियों क्षेत्रों में साहूकारों के लिए दर तय की गई है। अब साहूकार आदिवासियों से ज्यादा वसूली नहीं कर सकेंगे। स्किल सेल की बीमारी के इलाज का खर्च भी सरकार उठाएगी। 8वीं और 9वीं कक्षा के आदिवासी छात्रों को सरकार NEET की तैयारी कराएगी ।