लखनऊ। चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रहीं मायावती को इस चुनाव में लोग ढूंढ रहे हैं। चुनाव से चंद दिनों पहले मायावती पूरी तरह से खामोश हैं। जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव विजय यात्रा रथ निकाल रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी महिलाओं के बीच जनाधार मजबूत कर रही हैं। प्रचार के लिए भाजपा ने पूरी हाईकमान को यूपी में उतार दिया है। सिर्फ बसपा प्रमुख चुनाव में सक्रिय नहीं हैं।
- अयोध्या जमीन घोटाले की जांच की मांग के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
- 9 अक्टूबर: काशीराम की पुण्यतिथि पर प्रेस कॉन्फ्रेंस और जनसभा की।
- 30 नवंबर: पार्टी कार्यालय में चुनाव पर पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
- 26 नवंबर: बसपा ने भी संविधान दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार किया।
- 24 नवंबर: पार्टी ने पिछले कार्यकाल में किए विकास कार्यों का फोल्डर जारी किया।
- 23 नवंबर: चुनाव बैठक की। कार्यकतार्ओं को जुटने का संदेश दिया।
- 19 नवंबर: कृषि कानून वापस लेने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
- 9 नवंबर: बीजेपी के चुनावों वादों पर घेराबंदी करने के लिए बैठक की।
- 6 दिसंबर: बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
अमित शाह ने चैलेंज दिया…बाहर निकलिए
मायावती की चुनावी साइलेंस पर अमित शाह ने भी चुटकी ली। गुरुवार को मुरादाबाद में शाह ने कहा बहनजी की तो अभी ठंड ही नहीं गई है। ये भयभीत हैं। बहनजी, चुनाव आ गए हैं। थोड़ा बाहर निकलिए, बाद में ये न कहिएगा। मैंने प्रचार नहीं किया था।