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मध्यप्रदेश में नौ दिनों के दौरान फूंक दिया गया 30 करोड़ का कोयला, ये संकट है या बर्बादी?

नई दिल्ली। पूरे देश में इस समय कोयले की कमी बरकरार है। संकट के इस दौर में जहां कई थर्मल प्लांटों को उनकी जरूरत के हिसाब से कोयले की आपूर्ति नहीं की जा रही है, वहीं मध्यप्रदेश में केवल नौ दिनों में ही तकरीबन 30 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कोयला फूंक दिया गया है। यहां के थर्मल प्लांटों में बिजली बनाने के लिए जरूरत से अधिक कोयले का इस्तेमाल किया गया।
विशेषज्ञों के हवाले से मीडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों में बिजली उत्पादन में जरूरत से अधिक कोयले का उपयोग किया गया है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि थर्मल पावर प्लांट में एक यूनिट बिजली बनाने में करीब 620 ग्राम कोयला पर्याप्त होता है, जबकि संकट के दौरान मध्यप्रदेश में एक यूनिट बिजली बनाने के लिए 768 ग्राम कोयले का इस्तेमाल किया गया। इसका मतलब यह कि यहां पर एक यूनिट बिजली बनाने के लिए करीब 148 ग्राम कोयले अतिरिक्त इस्तेमाल किया गया।

88000 मीट्रिक टन अतिरिक्त इस्तेमाल

विशेषज्ञों का अनुमान है कि मध्यप्रदेश में बीते 1 अक्टूबर से 9 अक्टूबर के बीच थर्मल पावर स्टेशनों ने 88000 मीट्रिक टन अतिरिक्त कोयले का इस्तेमाल किया। उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए कोयले की कीमत करीब 30 करोड़ रुपए है। इन नौ दिनों में सतपुड़ा, श्री सिंगाजी, संजय गांधी और अमरकंटक थर्मल पावर स्टेशन में कुल 4 लाख मीट्रिक टन कोयले का इस्तेमाल हुआ, जबकि इस दौरान 5229 लाख यूनिट बिजली पैदा की गई।

श्री सिंगाजी थर्मल पावर स्टेशन में ज्यादा खपत

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान एक यूनिट बिजली पैदा करने के लिए 768 ग्राम कोयला इस्तेमाल किया गया, जबकि आदर्श रूप में एक यूनिट बिजली पैदा करने के लिए 620 ग्राम कोयला पर्याप्त होता है। श्री सिंगाजी थर्मल पावर स्टेशन में नौ दिनों के दौरान एक यूनिट बिजली पैदा करने के लिए सबसे ज्यादा 817 ग्राम कोयले का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, श्री सिंगाजी प्लांट के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर इसके पीछे कोयले की खराब क्वॉलिटी अहम कारण बताते हैं।

कोयला संकट पर गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली कमान

देशभर में बिजली संकट और कोयले की कमी की बात सामने आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह खुद सक्रिय हो गए। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को आपात बैठक बुलाई। शाह के आसवास पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी पहुंचे। दोनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनके मंत्रालयों के अफसर भी मौजूद थे। इस अहम बैठक में एनटीपीसी के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। बैठक में अधिकारियों ने गृह मंत्री को मौजूदा हालात और देश में कोयले के भंडार के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब कई राज्यों ने कोयले की गंभीर कमी के मद्देनजर बिजली की कमी की चेतावनी दी है, लेकिन कोयला मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयला उपलब्ध है और बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कोई डर नहीं है।

बैठक में ऊर्जा और कोयला मंत्रियों ने गृहमंत्री को देश में बिजली की उत्पादन क्षमता और कोयले की माइनिंग की जानकारी दी। कोयला मंत्री ने ट्वीट करके जानकारी दी कि देश में देश में अभी 43 मिलियन टन कोयला स्टॉक में उपलब्ध है। देश में किसी तरह का बिजली संकट नहीं होगा। गौरतलब है कि देश में कई राज्यों की तरफ से कोयले की कमी के चलते बिजली संकट आने और बिजली की कटौती की चेतावनी दी गई है।

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