Mradhubhashi
Search
Close this search box.

मेडिकल कोर्स में 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू

नई दिल्ली। देश में शिक्षा के क्षेत्र में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक फैसलों का दिन रहा। नीट यूजी और पीजी दाखिले के लिए इस शैक्षणिक वर्ष से आरक्षण लागू होगा। सरकार ने स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा सीटों के लिए ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण को मंजूरी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि यूजी और पीजी मेडिकल दाखिले के लिए अखिल भारतीय कोटा योजना में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।

,500 छात्रों को मिलेगा फायदा

अखिल भारतीय कोटा के तहत इस आरक्षण से लगभग 5,500 छात्रों को लाभ होने की संभावना है। सभी मेडिकल और डेंटल कोर्स इस आरक्षण के दायरे में आएंगे। आपको बता दें कि सरकार ने अखिल भारतीय कोटा योजना 1986 में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत शुरू की थी।

नीट यूजी और पीजी में आरक्षण का मुद्दा काफी लंबे वक्त से लंबित था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई को संबंधित केंद्रीय मंत्रियों को इस समस्या का समाधान निकालने का निर्देश दिया था। इसके बाद नीट यूजी और पीजी दाखिले में आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि सरकार पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।

हर साल इतने छात्रों को फायदा

1500 ओबीसी छात्रों को एमबीबीएस में लाभ
2500 ओबीसी छात्रों को स्नातकोत्तर में फायदा
550 ईडब्ल्यूएस छात्रों को एमबीबीएस में लाभ
1000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को स्नातकोत्तर में लाभ

2019 में हुआ था संवैधानिक संशोधन

साल 2019 में एक संवैधानिक संशोधन किया गया था जिसमें ईडब्लूएस वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दिया गया था। इसके बाद और कुछ लाभ देने के लिए सुधारों के एक हिस्से के रूप में पिछले 2 वर्षों में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में भी सीटों में वृद्धि की गई। इन प्रावधानों को छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करने और ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत प्रवेश की नई बढ़ती संख्या को समायोजित करने के लिए जारी किया गया था, लेकिन इस श्रेणी को आॅल इंडिया कोटा योजना में शामिल नहीं किया गया था।

ओबीसी और ईडब्लूएस समुदाय पर असर

  • होगा और पीजी की उपलब्ध 50 फीसदी सीटों पर लागू होगा।
  • इन कॉलेजों में अन्य 85 फीसदी यूजी सीटें और 50 फीसदी पीजी सीटें संबंधित राज्यों की सरकार की ओर से राज्यों के उम्मीदवारों के लिए होंगी।
  • आखिल भारतीय कोटा स्कीम 1986 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसी भी राज्य के छात्रों को दूसरे राज्य में स्थित एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में अध्ययन करने की इच्छा रखने के लिए डोमिसाइल-फ्री योग्यता आधारित अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।
  • इसलिए सरकार का फैसला इन कॉलेजों की बची हुई 15 फीसदी यूजी सीटों और 50 फीसदी पीजी सीटों पर होने वाले दाखिलों को प्रभावित करेगा।
  • अब इसके जरिए देश भर के ओबीसी और ईडब्ल्यूएस छात्रों को किसी भी राज्य में सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
  • 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने आखिल भारतीय कोटा स्कीम के तहत अनुसूचित जाति को 15 फीसदी आरक्षण और अनुसूचित जनजाति को 7.5 फीसदी आरक्षण दिया था।
  • जब 2007 में केंद्रीय शिक्षा संस्थान (शिक्षा में आरक्षण) अध्यादेश पारित किया गया था तब इसमें कि ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया गया था. जब इसे सभी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में लागू किया गया तब ये फायदा राज्य मेडिकल और डेंटल कॉलेज की अखिल भारतीय सीटों तक नहीं पहुंच सका।
  • ये फैसला पूरे देश के ओबीसी समुदाय के छात्रों को अखिल भारतीय कोटे के तहत सभी राज्यों में आवेदन करने का मौका देगा। ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल समुदाय इसके तहत आवेदन करने के लिए पात्र होंगे।

देश में सीटें बढ़ीं

-56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है देश में एमबीबीएस सीटों में
-80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है देश में पीजी सीटों में
-6 सालों में 179 नए मेडिकल कॉलेज बन जाने से सीटों में बढ़ोतरी हुई है]

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट