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22 साल की तैयारी ने कविता चावला को बनाया KBC-14 की पहली करोड़पति

कौन बनेगा करोड़पति के लिए ये बिग मोमेंट है. शो के इस 14वें सीजन को अपनी पहली करोड़पति मिल गई है. मुंबई के कोल्हापुर की रहने वाली कविता चावला ने साबित कर दिखाया है कि एक हाउसवाइफ क्या कर सकती है. उनकी जीत का ऐलान कर खुद बिग बी भी इमोशनल हो गए. इस विनिंग मोमेंट को जिसने भी देखा देखता रह गया. लेकिन क्या था वो एक करोड़ का सवाल आइये आपको बताते हैं.

केबीसी के मंच पर एतिहासिक जीत हासिल करने वाली कविता की जर्नी काफी टफ रही है. उन्होंने 2000 में केबीसी देखना शुरू किया था, तभी से कविता इस दिन का इंतजार कर रही थीं, और तैयारी कर रही थीं. कविता सिंगल पेरेंट हैं. वो 12वीं पास ही हैं. कविता आगे पढ़ाई करना चाहती थीं, लेकिन उनके पिता ने उन्हें ज्यादा पढ़ने की इजाजत नहीं दी और घर का काम सीखने की सलाह दी थी. कविता ने बताया कि जीती हुई धनराशि से अपने सारे कर्जे चुकाएंगी.

कविता ने बताया कि मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर की कविता चावला, कौन बनेगा करोड़पति सीजन-14 की न सिर्फ पहली महिला, बल्कि पहली करोड़पति बनी हूं। 3 जुलाई, 2000 को पहली बार सोफे पर बैठकर टीवी देखते हुए मैंने हॉट सीट पर बैठने का सपना देखा था। तब से बिना रुके, बिना थके और बिना किसी को जाहिर किए चुपचाप तैयारी करती रही। पढ़ाई बेशक 12वीं तक ही की है, लेकिन यकीन मानिए, मैं 21 साल 10 महीने से लगातार पढ़ रही हूं। इस दौरान मैंने न कभी दिन में आराम किया, न टीवी देखी और न सहेलियों के साथ गप्पें मारीं। हॉट सीट पर बैठने की ख्वाहिश के चलते अपनी हर छोटी-बड़ी पसंद को पीछे रखा। मैं कोल्हापुर से भी पहली हूं, जो केबीसी में इस मुकाम तक पहुंची हूं। करोड़पति बनने और खासकर पहली का तमगा हासिल करने के अहसास को शब्दों में बयां नहीं कर सकती। बस समझ लीजिए कि कछुए की चाल से चलकर यहां तक पहुंची हूं।

KBC के मंच पर आकर लौटना पड़ा, लेकिन हार नहीं मानी

मैंने अपने सास-ससुर, पति और बेटे को भी नहीं बताया कि मैं पढ़ाई क्यों कर रही हूं, उनको हमेशा यही कहा कि मुझे पढ़ना पसंद है। हर साल लैंडलाइन के जरिए केबीसी में पहुंचने के लिए कोशिश करती, लेकिन कॉल आती तो पता ही नहीं चल पाता।साल 2012 में पहली बार मेरे हाथ में मोबाइल आया तो उससे कोशिश की। केबीसी से कॉल भी आया, लेकिन आगे की प्रक्रिया पूरी कैसे करनी है, यह समझ ही नहीं आया, इसलिए केबीसी में नहीं पहुंच पाई। 6 साल बाद 2018 में फिर कॉल आई, तब एक सवाल गलत हो गया। 2020 में ऑडिशन तक पहुंची, लेकिन सलेक्शन नहीं हुआ। साल 2021 में मैं केबीसी के मंच पर टॉप-10 कैंडिटेट्स में शामिल हुई, लेकिन कंप्यूटर की नॉलेज नहीं थी, इसलिए फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट राउंड में तेजी से जवाब लॉक न कर पाने के चलते हॉट सीट तक नहीं पहुंच सकी। जब लौटकर घर आई तो परिवार वाले उदास हुए, उन्हें मुझसे उम्मीदें थीं, जो टूट चुकी थीं। आस-पड़ोस के लोगों ने ताने कसे। मैंने किसी को पलटकर जवाब नहीं दिया, बस फिर से तैयारी में लग गई। बेटे विवेक ने मुझे कंप्यूटर सिखाया। तब जाकर सीजन-14 मैं हॉट सीट तक पहुंची हूं।

बेटे की पढ़ाई पर खर्च करूंगी प्राइज मनी

जब मैंने एक करोड़ जीत लिए और पति को कॉल कर प्रैंक करते हुए बताया कि मैंने 3 लाख 20 हजार जीते हैं, तो उन्होंने मान लिया, लेकिन जब एक करोड़ जीतने की बात बताई तो वह भरोसा करने को तैयार ही नहीं हुए। मैंने अपने ससुराल और मायके वालों के लिए सरप्राइज रखा था, उन्हें नहीं बताया, लेकिन टीवी पर प्रोमो देखने के बाद उन्हें सब पता चल गया। सब बहुत खुश हैं। मेरे बेटे और पति का कहना है कि यह मेरी मेहनत का फल है। विदेश में बेटे की पढ़ाई पूरी कराने के लिए हमने अच्छा-खासा लोन ले रखा है। बीसीए करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बेटा लंदन चला गया। मैं केबीसी के मंच से जीती धनराशि से सबसे पहले बैंक का लोन चुकाऊंगी। बचे हुए पैसे को बेटे की आगे की पढ़ाई पर खर्च करूंगी।

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