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PM Modi की मर्जी के बिना आया था 2000 का नोट ! आखिर क्या है इसकी कहानी ?

PM Modi की मर्जी के बिना आया था 2000 का नोट ! आखिर क्या है इसकी कहानी ?

RBI ने 2000 रुपये के नोट का सर्कुलेशन वापस लेने का फैसला लिया है। 23 मई से 30 सितंबर तक जनता 2000 के नोट बैंकों में बदल सकती हैं. लेकिन इस बीच प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि PM Modi की मर्जी के बिना आया था 2000 का नोट ! आखिर क्या है इसकी कहानी ? 2000 रुपये के नोट को जारी करने के पक्ष में थे ही नहीं। वे इस बात पर राजी हुए कि 2000 का नोट कुछ समय के लिए लाया जा रहा हैं। उसके बाद उन्होंने इजाजत दी। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि PM Modi की मर्जी के बिना आया था 2000 का नोट ! आखिर क्या है इसकी कहानी ? ने कभी भी 2000 के नोट को गरीबों का नोट नहीं माना. वे जानते थे कि 2000 रुपये का नोट लेन-देन की बजाय जमाखोरी में इस्तेमाल होगा.

2000 के नोट जारी करना थी मजबूरी

नृपेंद्र मिश्रा ने आगे कहा कि जब मैं PMO में बतौर प्रधान सचिव पद पर कार्यरत था. तब नोटबंदी का फैसला लिया गया था. जो 500 और 1000 के नोट उस समय बंद किये गए थे तो जाहिर सी बात है कि हमें 500 और 1000 के नए नोट भी छापने थे। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि उस वक्त प्रिंटिंग की क्षमता इतनी नहीं थी कि जितने पुराने नोट जमा हो रहे हैं उतने ही नए नोट छापे जाए। इसलिए इस वजह से 2000 रुपये के नोट जारी किए गए. क्योंकि जहां 500 रुपये के चार नोटों की जगह 2000 रुपये का एक नोट छापकर इसकी वैल्यू को पूरा कर लिया गया.

इस बात पर राजी हुए मोदी

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि जो टीम इसपर काम कर रही थी उन्होंने कहा था कि अगर तय समय-सीमा के मुताबिक नोटबंदी करनी है, तो 2000 रुपये के नोट छापने पड़ेंगे। इस विषय पर पीएम मोदी बिल्कुल सहमत नहीं थे। उनका मानना था कि 1000 रुपये के नोट बंद करके उसकी जगह 2000 रुपये के नोट ला रहे हैं, तो लोगों को लगेगा कि हम काले धन को और बढ़ावा दे रहे हैं। एक बड़े नोट के आने से इसे जमा करना आसान हो जाएगा.इसलिए पीएम मोदी इसपर सहमत नहीं थे.पीएम मोदी तो यह बी चाहते थे कि नोटों को बाहर से छपवाकर लाया जाए. लेकिन जब उन्हें प्रिंटिंग कंपनियों की क्षमता बताई गई तब वह इसपर आखिरकार सहमत हुए।

मोदी ने 2000 के नोट को गरीबों का नहीं माना

पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा PM Modi की मर्जी के बिना आया था 2000 का नोट ! आखिर क्या है इसकी कहानी ? ने यह बहुत पहले ही सोच लिया था कि 2000 रुपये के नोट को वापस ले लिया जाएगा. इसे लेकर वे बिलकुल आश्वस्त थे। यही कारण है कि 2018 के बाद से ही 2000 रुपये के नोट छापे नहीं गए. कहीं न कहीं यह छलकता रहा कि पीएम मोदी ने कभी भी 2000 के नोट को गरीबों माना ही नहीं।

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