नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना के मामलों में गिरावट जारी है तो दूसरी तरफ खसरे के प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र की राजधानी में तो खसरा बीमारी नियंत्रण से बाहर हो रही है। खास बात यह है कि ये बीमारी बच्चों के बीच अपने पैर पसार रही है। केंद्र सरकार ने भी इस स्थिति पर चिंता जाहिर की है। इसी क्रम में केंद्र ने बच्चों के बीच खसरे के मामलों की संख्या में वृद्धि का आकलन और प्रबंधन करने के लिए कदम उठाया है। केंद्र ने झारखंड की राजधानी रांची, गुजरात की राजधानी अहमदाबाद और केरल के मलप्पुरम में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय टीमों को तैनात किया है।
केंद्र ने यह कदम तक उठाया है जब मंगलवार को मुंबई में खसरे के कारण एक 11 साल के लड़के की मौत हो गई थी। जिसके बाद मुंबई में खसरे के प्रकोप के कारण मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई। इनमें से दो रोगी महानगर से बाहर थे जबकि 12 और लोग इस वायरल बीमारी से संक्रमित हुए जिससे आंकड़ा 220 पहुंच गया। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया था कि शहर में खसरे के 12 नए पुष्ट मामले पाए गए, जिससे उनकी कुल संख्या 220 हो गई।
आठ अस्पतालों में भर्ती किए हैं बच्चे
बुलेटिन के अनुसार, मुंबई के 24 सिविक वार्डों में से 10 में 21 स्थानों से खसरा फैलने की सूचना मिली है। खसरे से संक्रमित रोगियों को आठ अस्पतालों – कस्तूरबा अस्पताल, शिवाजी नगर प्रसूति गृह, भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अस्पताल, राजावाड़ी अस्पताल, शताब्दी अस्पताल, कुर्ला भाभा अस्पताल और क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले अस्पताल और सेवन हिल्स अस्पताल में इलाज के लिए अलग या भर्ती कराया गया है।
महाराष्ट्र में स्वास्थ्य मंत्री ने की समीक्षा
इस बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत ने मंगलवार को दक्षिण मुंबई में राज्य सचिवालय में एक बैठक में खसरे के प्रकोप से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। बैठक में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बीएमसी के अधिकारी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की डॉ. मीता वाशी और डॉ. अरुण गायकवाड़ उपस्थित थे।