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10 साल से जेल में बंद आशाराम बापू को छुड़ाने संत समाज की मुहिम. #आहत_संत_समाज

बलात्कार सहित तमाम धोखाधड़ी और अन्य कानूनी धाराओं में सजायाफ्ता तथाकथित संत आशाराम को जेल से रिहा कराने तमाम संतों ने पैरवी शुरू कर दी है.समाज को नीति, कर्म, धर्म और संस्कार की बात सिखाने वाले हमारे संत ही अब आसाराम को निर्दोष मानकर उसकी रिहाई की मांग कर रहे हैं. दिगंबर अखाड़ा प्रमुख महामण्डलेश्वर स्वामी राम तीर्थ जी महाराज, पंचकुइयां खालसा प्रमुख इंदौर महामण्डलेश्वर स्वामी महाराज, महामण्डलेश्वर पायलट बाबा, ललिता नंद गिरी जी महाराज पंचायती अखाड़ा निरंजनी, महामण्डलेश्वर स्वामी परमानंद गिरी जी महाराज, महामण्डलेश्वर जन्मेजय शरण जी महाराज साध्वी पवित्रा नंद गिरी जी सहित कट्टर हिन्दू वादी प्रखर वक्ता साध्वी रित़मभरा कथा वाचक अनिरुध्दचार्य आदि कई महामण्डलेश्वर और संतों ने आशाराम की रिहाई की न सिर्फ मांग की है बल्कि सरकार और न्यायप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा कर दिया.!

जैल में क्यों बंद है आशाराम…?

आशाराम बापू 2013 से आजन्म कारावास की सजा के तहत जैल में सजा काट रहा है! दुष्कर्म मामले में गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आसाराम को धारा 374, 377 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी साथ ही पीड़िता को 50 हजार रुपए का मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था. आसाराम पर 13 फरवरी 2014 को चार्ज तय किए गए थे, चार्जशीट में आसाराम पर धारा 370 (4), 342, 354ए, 506, 509, 376, 376(2)एफ, 376 डी, 506, 509/34, 120बी, 109 के तहत आरोप तय किए गए। साथ ही पॉक्सो की धारा-5, 6, 7, 8 व 17 के तहत और जेजे एक्ट की धारा 23 व 26 के तहत भी आरोप तय हुए थे. फिलहाल आशाराम जेल में है और रिहाई की कोई संभावना नहीं है.

किसको है अधिकार आसाराम की रिहाई का…

कानून के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को सजा मिलने के बाद तक वह न्यायालय के दायरे में रहता है उसके बाद उस कैदी की सजा पर पुनर्विचार करने या सजा मुक्त करने का अधिकार सरकार के अधिकार क्षेत्र में आ जाता है मतलब सरकार चाहे तो अब आसाराम को रिहा कर सकती है, क्योंकि आशाराम अब तक 10 बर्ष की सजा काट चुका है मगर यहां य़ह बात भी बताना आवश्यक है कि इतिहास में यदा कदा ही मामले होंगे जबकि सरकार ने न्यायालय के निर्णय को पलटा होगा !

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