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मौत की बावड़ी: इंदौर के इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटना, 36 की मौत, हर दूसरे-तीसरे घर से निकली अर्थी

मौत की बावड़ी: इंदौर के इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटना, 36 की मौत, हर दूसरे-तीसरे घर से निकली अर्थी

इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हुआ हादसा शहर के इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटना के रूप में दर्ज हो गया है। इसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

पटेल नगर और आसपास की कॉलोनियों से लोग मंदिर पहुंचे थे, जहां मौत उनका इंतरजार कर रही थी। अब इन कॉलोनियों में शोक का चुभने वाला सन्नाटा पसरा है। घटनास्थल वाली गली में शुक्रवार को हर दूसरे-तीसरे घर में अर्थी सजी थी। आठ परिवारों ने हादसे में मृत अपने चहेतों के अंगदान की प्रक्रिया पूरी करवाई।

इंदौर। इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में बावड़ी की छत गिरने के बाद गुरुवार दोपहर से चले रेस्क्यू आॅपरेशन का सिलसिला शुक्रवार दोपहर एक बजे तक चला। यानी पूरे 24 घंटे। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 21 महिलाएं और 15 पुरुष हैं। इनमें 3 बच्चे और एक बच्ची भी शामिल है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस विकट घड़ी में भी आठ परिवारों ने हादसे में मृत अपने चहेतों के अंगदान करवाए हैं। हादसे में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इंदौर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। बेगुनाहों की मौत से परिजन सदमे में हैं। उनमें प्रशासन की लापरवाही का गुस्सा साफ देखा गया। उधर पुलिस ने मंदिर का गेट सील कर दिया है। बावड़ी के आसपास भी बैरिकेडिंग की गई है।

रेस्क्यू पर उठे सवाल
हादसे के बाद चले राहत बचाव कार्य से परिजन काफी नाराज हैं। उनका आरोप है कि हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य में देरी और लापरवाही बरती गई । लोगों का आरोप था कि प्रशासन के पास संसाधन नही थे और अधिकारियों को पता ही नहीं था कि रेस्क्यू किस तरह से करना है।

शाम को किया गया सेना से संपर्क
गुरुवार सुबह हुए हादसे के बाद बावड़ी से शव निकाले जाने लगे, लेकिन इसमें काफी देर हो रही थी। रेस्क्यू टीम को यह पता ही नहीं लग पा रहा था कि कितने लोग बावड़ी में फंसे हैं। इस पर शाम को सेना के अधिकारियों से संपर्क किया गया। इसके बाद देर रात महू से आर्मी ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू का जिम्मा संभाला।

हादसे की भीषणता का अंदाजा नहीं लगा सका प्रशासन
मंदिर के आस-पास के रहवासी यह शिकायत करते दिखाई दिए कि प्रशासन हादसे की भीषणता का सही अंदाजा नहीं लगा सका और उसने बचाव के लिए थल सेना को बुलाने का फैसला घंटों के विलंब से लिया।

क्यों नहीं बजाई जा सकी लोगों की जान?
हादसे का बाद शुरू हुआ रेस्क्यू आॅपरेशन इतनी धीमी गति से चल रहा था कि लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। रेस्क्यू टीम रस्सियों और सीढ़ी के जरिये लोगों को बाहर निकाल रही थी। बावड़ी में उतरने की जगह बेहद कम थी। आसपास की दीवारे काफी कमजोर थीं। बावड़ी में पानी ज्यादा था। इसलिए एक-एक कर लोगों को निकाला जा रहा था। यही वजह रही कि लोगों को नहीं बचाया जा सका।

मुक्तिधाम में नहीं मिली जगह
घटनास्थल वाली गली में शुक्रवार को माहौल मातम से भरा था। वहां हर दूसरे-तीसरे घर में अर्थी सजी थी। किसी घर में एक तो किसी में दो अर्थियां एक साथ देखी गईं। एक गली में तो 11 लोगों की मौत हादसे में हो गई । सभी की शव यात्रा जब निकली, तो देखने वालों की आंखें भर आईं। उधर रीजनल पार्क स्थित मुक्तिधाम में एक साथ इतने शव पहुंचने पर प्लेटफॉर्म के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ा। जिस गली से मंदिर का प्रवेश द्वार है, उस गली के हर दूसरे-तीसरे घर में मौत हुई है।

केंद्र सरकार ने भी की मुआवजे की घोषणा
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के स्वजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने दिवंगत लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की थी।

इस तरह होती गई देर
-9 बजे गुरुवार सुबह हवन शुरू हुआ
-11.30 बजे बावड़ी के ऊपर बना स्लैब टूटा
-12.30 बजे स्थानीय लोगों ने बावड़ी से लोगों को निकालना शुरू किया
-12.30 बजे बाद पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम पहुंची
-2.30 बजे एसडीआरएफ की टीम पहुंची
-3 बजे दोपहर को पहला शव बरामद हुआ
-6 बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंची
-9 बजे रात को महू से आर्मी की यूनिट पहुंची
-1 बजे रात को मृतकों संख्या बढ़कर 22 हुई
-4 बजे शुक्रवार सुबह मृतकों का आंकड़ा 35 हुआ

-1 बजे शुक्रवार दोपहर को 36वां शव निकाला गया

शोक की लहर, दुकानें-बाजार बंद
सपना संगीता टॉकीज के सामने वाली गली में स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में दर्दनाक हादसे के बाद शुक्रवार सुबह से ही इलाके के सभी बाजार और दुकानें बंद रहीं। गलियों में सन्नाटा पसरा रहा। शोक स्वरूप पटेल नगर, स्नेह नगर, अग्रवाल नगर, सिंधी कॉलोनी, जागृति नगर, सर्वोदय नगर, पंचशील नगर की दुकानें नहीं खुलीं। जानकारी के मुताबिक, हादसे से कच्छी पटेल-पाटीदार और सिंधी समाज के लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

इनकी आंखें दान की गई
-दक्षा पटेल
-इंद्र कुमार
-भूमिका खानचंदानी
-लक्ष्मी पटेल
-मधु भम्मानी
-जयंतीबाई
-भारती कुकरेजा
-कनक पटेल

इनकी त्वचा दान की गई
-इंद्र कुमार
-भूमिका खानचंदानी

– जयंतीबाई

हमेशा के लिए बंद करेंगे बावड़ी
अगले कुछ दिनों तक इस बावड़ी के आस-पास लोगों को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी और वहां पुलिस का पहरा रहेगा। हम इस बावड़ी से पूरी गाद बाहर निकालवाएंगे। फिर मलबा डालकर इसे हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा ताकि दोबारा हादसा होने की कोई आशंका ही नहीं रहे।
-पवन कुमार शर्मा, कमिश्नर, इंदौर संभाग

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