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दिल्ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन में पड़ी दरार, इस संगठन ने किया अलग होने का एलान

नई दिल्ली। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों में फूट पड़ गई है। किसान मजदूर संगठन ने बुधवार को शाम साढ़े चार बजे खुद को आंदोलन से अलग करने का एलान कर दिया। संगठन के नेता वीएम सिंह ने कहा कि कोई आंदोलन इस तरह हिंसा से नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हिंसा हुई है, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।

200 हंगामा करने वालों को लिया हिरासत में

ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव पर दिल्ली पुलिस आज सुबह से ही काफी सक्रिय है। अब तक इस मामले में 200 हंगामा करने वालों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस ने हिंसा और तोड़फोड़ को लेकर 22 एफआई आर दर्ज की है। उपद्रव करने वालों पर जानलेवा हमले, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालने और नियम तोड़ने जैसी धाराएं लगाई गई हैं।

किसान नेताओं पर हुई एफआईआर

किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह के नाम एफआईआर में शामिल हैं। इन सभी नेताओं पर ट्रैक्टर रैली की शर्तें तोड़ने का केस दर्ज किया गया है। किसान आंदोलन से जुड़े इन नेताओं ने ट्रैक्टर रैली में हिंसा नहीं होने की गारंटी दी थी।

300 जवान हुए हैं घायल

मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में करीब 300 जवान घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों से आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गन भी छीन ली थी। इस गन को लाल किले में एक प्रदर्शनकारी के पास देखा गया था। उधर, उत्तर दिल्ली के कार्यवाहक DCP संदीप ने कहा कि लाल किले पर पहुंचने वाले लोग किसान थे या फिर जो भी थे, उन्होंने शराब पी रखी थी। उन्होंने हमारे ऊपर तलवारों और दूसरे हथियारों से हमला कर दिया।

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