चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में एक ग्लेशिय़र के टूटने से 50 लोगों के बहने की आशंका है। ग्लेशिय़र के टूटने से कई घर ध्वस्त हो गए हैं।आईटीबीपी के 200 से ज्यादा जवान बचाव औऱ राहत कार्य में जुटे हुए हैं. SDRG की 10 टीमें भी मौके पर पहुंच चुकी हैं. हरिद्वार, ऋषिकेष और श्रीनगर में अलर्ट जारी किया गया है।
ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान
चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपर ग्लेशियर टूटा है इस वजह से यहां पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान हुआ है। सूत्रों का कहना है कि डैम का एक हिस्सा टूट गया है। इससे अलकनंदा नदी में प्रवाह काफी बढ़ गया है। जोशीमठ से आगे नीति मार्ग पर ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट है, यहां पर 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। अलकनंदा नदी में जल का प्रवाह बढ़ने से केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है। ऋषिकेश और हरिद्वार में 6 से 7 घंटे के अंदर इस पानी के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
तपोवन बैराज हुआ पूरी तरह से ध्वस्त
ग्लेशियर फटने से बांध को काफी नुकसान हुआ है और इससे धोली नदी में भीषण बाढ़ आ गई है। बाढ़ से तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। ग्लेशियर फटने के बाद कई लोग लापता बतलाए जा रहे हैं। चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ने की वजह से अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें नदी किनारे की बस्तियों को लाउडस्पीकर से अलर्ट करने के साथ ही खाली करा रही है। ऋषिकेश में गंगा नदी से बोट राफ्टिंग संचालकों को हटाया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से हर पल की जानकारी ले रहे हैं। सीएम रावत घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही चमोली जिले के समसेत अधिकारियों की आपात बैठक भी बुला सकते हैं।