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क्यों उठ रही महाराष्ट्र राज्यपाल को जेल में डालने की मांग ?

महाराष्ट्र राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में मारवाड़ी गुजराती समुदाय की प्रशंसा की और कहा कि वे जहां भी जाते हैं, अस्पताल, स्कूल आदि बनाकर जगह के विकास में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो महाराष्ट्र के पास कोई पैसा नहीं बचेगा और मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी नहीं कहा जाएगा।

इस मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल ने हद पार कर दी है। उन्हें उस कुर्सी का सम्मान करना चाहिए जिस पर वह आसीन हैं। राज्यपाल ने जिस तरह का बयान दिया है उसके बाद तो यह तय किया जाना चाहिए कि उन्हें यहां से वापस भेजना है या जेल भेजना है। राज्यपाल कोश्यारी को मराठी लोगों से माफी मांगनी होगी।

वहीं इस मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि मराठी लोगों को मूर्ख मत बनाओ। यदि आप महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, तो इसके बारे में बात न करें। मनसे सुप्रीमो ने आगे राज्यपाल का पद बहुत सम्मानित पद है इसलिए लोग इसके खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन आपके बयान से महाराष्ट्र की जनता आहत हुई है।

मामले में बवाल के बाद राज्यपाल कोश्यारी ने सफाई देते हुए कहा कि मुंबई महाराष्ट्र की शान है। यह देश की आर्थिक राजधानी भी है। मुझे गर्व है कि मुझे एक राज्यपाल के रूप में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि और मराठी लोगों की सेवा करने का अवसर मिला। इस वजह से मैंने बहुत कम समय में मराठी भाषा सीखने की कोशिश की। कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया, उसमें मेरा मराठी आदमी को कम करके आंकने का कोई इरादा नहीं था। मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा व्यापार में किए गए योगदान पर बात की।

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