इंदौर में बीते साल क्राइम ब्रांच ने जिस फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा उसकी जांच करते हुए एफबीआई की टीम इंदौर पहुंच गई। अमेरिका की सबसे तेजतर्रार जांच एजेंसी एफबीआई ठग के विरुद्ध सबूत और उन अमेरिकी नागरिकों के कथन भी लेकर आई है जिनके साथ ठगी हुई है। जांच पूरी होने के बाद पीड़ित अमेरिकी नागरिकों की आनलाइन गवाही भी करवाई जाएगी।
क्राइम ब्रांच ने नवंबर 2020 में लसूड़िया क्षेत्र से फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर पर छापा मारा था, जिसके कर्मचारी खुद को सोशल सिक्योरिटी कार्ड डिपार्टमेंट का अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों से रुपये वसूलते थे। पुलिस ने आरोपितों के लेपटॉप, कंप्यूटर की जांच की तो 10 लाख से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों का डेटा मिला। ठग ने खुद कबूला कि गिरोह के सदस्य रोजाना 15 हजार डॉलर तक की ठगी कर लेते थे।
फिलहाल फर्जी कॉल सेंटर का सरगना गुजरात का करण भट्ट है जो अभी तक फरार चल रहा है। जबकि एक कर्मचारी की कोरोना के दौरान मौत हो चुकी है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया लेकिन पर्याप्त सबूत और फरियादी न होने के कारण जमानत हो गई। एफबीआइ अब उन लोगों के बयान लेकर आई है जिनसे आरोपितों ने रुपये वसूले हैं। उनके बैंक स्टेटमेंट और अन्य सबूत भी एफबीआई क्राइम ब्रांच को सौंपेगी जिन्हें कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। ट्रायल के दौरान अमेरिकी गवाहों की आनलाइन गवाही भी करवाई जाएगी।