दुनिया को COVID -19 जैसी महामारी से बचाने के लिए वैक्सीन ही अभी तक एकमात्र ऐसा जरिया है जिससे आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. भारत सहित दुनियाभर के ज्यादातर देशों में कोरोना वैक्सीन की 2 डोज के बाद अब तीसरी डोज यानी बूस्टर शॉट दिया जा रहा है. लेकिन इसके साथ अब कई अफवाएं भी सामने आने लगे है कि बूस्टर डोज़ के गहरे साइड एफ्फेट्स है। अगर आप भी ऐसी किसी बात को लेकर चिंतित है तो यह ख़बर आपके लिए है।
दुनियाभर के लोगों का मानना है कि बूस्टर शॉट से COVID -19 के खतरे को काफी कम किया जा सकता है. ये बूस्टर डोज इतने स्ट्रॉन्ग हैं कि इसको लेने बाद कई तरह के साइड इफेक्ट भी झेलने पड़ सकते हैं. इसका खुलासा अमेरिका की जामा नेटवर्क ओपन की एक स्टडी में हुआ है. COVID-19 टीके लोगों को गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचा सकते हैं. वहीं टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज के कुछ महीनों के बाद सुरक्षा कम होने लगती है. जिससे प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए बूस्टर शॉट्स आवश्यक हो जाते हैं.
JAMA Network Open की एक स्टडी के अनुसार ये बूस्टर शॉट्स फायदे के साथ-साथ कुछ लोगों को साइड इफेक्ट्स भी दे सकते हैं. लेकिन ये साइड इफेक्ट्स एक सामान्य संकेत है कि वैक्सीन शरीर में अपना प्रभाव डाल रही है. हालांकि कभी-कभी इसके साइड इफेक्ट इतने स्ट्रॉन्ग हो सकते हैं जो कुछ समय के लिए शरीर को कमजोर बना दें. वहीं ये वैक्सीन कुछ लोगों पर ज्यादा साइड इफेक्ट नहीं डालती है. जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार वैक्सीन की शुरुआती खुराक की तुलना में COVID-19 बूस्टर से साइड इफेक्ट ज्यादा हैं.
वास्तव में वैक्सीन आपको साइड इफेक्ट नहीं देती, बल्कि आपके शरीर का डिफेन्स सिस्टम ही आपको लगे टीके के प्रति प्रतिक्रिया करता है. प्रतिरक्षा प्रणाली यानी बॉडी का डिफेन्स सिस्टम की प्रतिक्रियाएं आमतौर पर संकेत हैं कि हमारे शरीर में जो वैक्सीन गई है वो एंटीबाडी बनाने का काम शुरू कर चुकी है. बूस्टर शॉट्स के माध्यम से साइड इफेक्ट्स अधिक मजबूत हो सकते हैं क्योंकि शरीर का डिफेन्स सिस्टम बूस्टर वैक्सीन से मिले पैथोजेन पर और तेजी से प्रतिक्रिया करता है. बूस्टर के बाद के आने वाले लक्षण COVID-19 के लक्षणों के समान होते हैं. वैक्सीन के साइड इफेक्ट को काम करने के लिए संतुलित आहार खाने, हाइड्रेटेड रहने और पर्याप्त नींद लेने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल करना बेहद जरूरी है. हल्का-फुल्का योग करें और फिजिकली एक्टिव रहें, ताकि आपके शरीर को धीरे-धीरे अच्छा महसूस हो.