कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाकर भाजपा नेता ने सगाई समारोह में जुटाए 6000 लोग - Mradubhashi - MP News, MP News in Hindi, Top News, Latest News, Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest News in Hindi
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कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाकर भाजपा नेता ने सगाई समारोह में जुटाए 6000 लोग

तापी। गुजरात में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच 4 महानगरों में नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कांति गामित की पोती की सगाई का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें हजारों लोग गरबा गाते हुए दिखाई दे रहे और कोरोना गाइडलाइन्स का मखौल उड़ा रहे हैं। कोरोना दिशा-निर्देशों की अवहेलना को लेकर भाजपा नेता और तापी जिले की निजार विधानसभा सीट से पूर्व विधायक की पोती की सगाई समारोह ने विवाद को जन्म दे दिया है. वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वही पुलिस ने पूर्व मंत्री कांति गामित को पुलिस स्टेशन बुलाकर उनसे इस संबंध में पूछताछ की.

गुजरात में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 लाख 10 हजार को पार कर गई है. अहमदाबाद और सूरत सहित चार महानगरों में रात का कर्फ्यू लगाया गया है तो दूसरी और भाजपा के कुछ

कद्दावर नेता सरकार की कोरोना गाइडलाइन का मखौल उड़ाते दिखाई दे रहे हैं। कांति गामित के यहां सगाई समारोह का आयोजन तापी जिले के डोसवाडा गांव में किया गया था. जिसमें 6,000 से ज्यादा लोग गरबा खेलते और उसके आसपास खड़े दिखाई दे रहे हैं.

गुजरात सरकार कोरोना पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाते हुए नियम तोड़ने वालों से भारी जुर्माना वसूल रही है तो वहीं भाजपा नेता नियमों को ताक में रखकर मनमानी कर रहे हैं।

इस संबंध में सूरत रेंज आईजीपी राजकुमार पांडियन की ओर से जांच के आदेश देने के बाद तापी एसपी ने शिकायत दर्ज करने का आदेश जारी किया है. इस मामले में पुलिस ने कहा कि

वीडियो में दिखने वाले सभी लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा, साथ ही इस आयोजन के दौरान लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि जिला कलेक्टर अपना काम क्यों नहीं कर रहे हैं. सरकार को तुरंत इस मामले में कार्रवाई करना चाहिए.

पुलिस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस की बहादुरी कहां गई. भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून केवल आम लोगों के लिए है न कि भाजपा नेताओं के लिए.

वहीं इस मामले में कांति गामित ने कहा कि मेरे बेटे की बेटी की सगाई थी जिसमें 1,500 से 2,000 लोगों का भोजन रखा गया था, लेकिन व्हॉट्सएप पर लोगों को जानकारी मिली और वे आ

गए. पूरा गांव आदिवासी इलाके में आता है इसलिए हम किसी को मना नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि हमसे गलती हुई है.